माॅ नंदा सुनंदा की डोली के विदाई पर भावुक हुई धियाणियों,लोक उत्सव में उमड़ा जनसैलाब।




उत्तराखंड देवभूमि के नाम से देश और दुनियां में विख्यात है।यहां की लोकसंस्कृति दुनियां की सबसे समृद्धि लोक संस्कृतियों में सुमार है। यहां की खास पहचान है ।कि यहां हर ़ऋतु में देवी व देवताओं की लोकयात्रा,दिवारा यात्रा,देवनृत्य, जागर,मंडाण आदि से देवी देवताओं को जागृति किया जाता है।इसी क्रम चमोली जनपद के कपीरी पटटी में मांॅ नंदा सुनंदा की विदाई का लोक उत्सव धूमधाम से मनाया गया।जिसमें श्रद्धालुओ का सैलाब उमड़ पडा।

इस लोक उत्सव के दौरान मांॅ नंदा सुनंदा को सोलह श्रृंगारो से सजाया गया। साथ ही क्षेत्र वासियो ने भेंट कलेवा,चूडा मुंगरी ककडी,रोट,चुनरी आदि भेंट कर भावुक विदाई दी। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से इस लोकउत्सव में पधारी धियाणियों ने मां नंदा सुनंदा को जागर गाये,जिससे माहौल भावुक हो गया।
कार्यक्रम में पंहुचें समाजसेवी व संस्कृति प्रेमी संजीव चौहान व राजदर्शन सिंह नेगी ने कहा कि लोक परम्परायें व संस्कृति हमारे पहाड की खास पहचान है। इन धरोहरों को हमें हर हाल में बचाना हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए।लोक पर्व के अवसर पर क्षेत्र के कई गणमान्य लोग भी मौजूद रहें।
भानु प्रकाश नेगी