मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री एवं विमानन मंत्री से की मुलाकात, जल विद्युत परियोजनाओं समेत कई खास मुद्दों पर हुई बातचीत



नई दिल्ली: प्रदेश में युवा को नेतृत्व की बागडोर सौंपने से उपजे असंतोष को थामने और सरकारी कामकाज को कुछ हद तक संभालने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब दिल्ली का रुख कर रहे हैं। शुक्रवार को दिल्ली दौरे पर जा रहे धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट से मुलाकात कर सकते हैं।
पार्टी हाईकमान के सामने वह राज्य को लेकर अपना एक्शन प्लान और वरिष्ठों के असंतोष को थामने के लिए उनके स्तर पर की गई कसरत की रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकते हैं। बीती चार जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पुष्कर सिंह धामी का यह पहला दिल्ली दौरा है। बताया गया कि धामी के दिल्ली दौरे का कार्यक्रम पहले ही तय कर लिया गया था, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के चलते पार्टी हाईकमान की व्यस्तता रही। अब फेरबदल होने के बाद गुरुवार देर रात दिल्ली से हरी झंडी मिलने पर धामी शुक्रवार को दिल्ली रवाना होंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक धामी दिल्ली में कितने समय रुकेंगे, यह वहीं तय होगा। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं। इन मुलाकातों को कई मायनों में अहम माना जा रहा है। खासतौर पर सूबे की कमान युवा के हाथों में सौंपने से पार्टी के भीतर वरिष्ठों में असंतोष उत्पन्न हो गया था। इस असंतोष को थाम कर धामी ने अपने सियासी कौशल का परिचय भी दिया। अब पार्टी हाईकमान के सामने वह अपने पांच दिन के कार्यकाल की रिपोर्ट पेश कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखण्ड राज्य में लघु जल विद्युत परियोजनाओं के विकास और निर्माण के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा अनुदान दिये जाने हेतु नई नीति व दिशा-निर्देश शीघ्र निर्धारित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के अंतर्गत कई लघु जल विद्युत परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है जबकि कुछ नई परियोजनाओं को प्रारम्भ किया जाना है। इन परियोजनाओं के टैरिफ को कम किये जाने के लिए केन्द्रीय वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सोलर स्ट्रीट लाईट योजना के तहत उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में पथ प्रकाश की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिये 90 प्रतिशत केन्द्रांश पर कुल 19665 संख्या सोलर स्ट्रीट लाईटों की स्वीकृति प्रदान की गयी थी। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखण्ड राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत सोलर स्ट्रीट लाईटों की स्थापना के लिए निर्धारित समयावधि को विस्तारित करने और अवशेष कार्यों को जल्द पूर्ण कराये जाने के लिए संबंधित एजेंसी को निर्देशित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने किशाऊ परियोजना पर चर्चा करते हुए कहा कि परियोजना की विद्युत घटक लागत एवं जल घटक लागत को भविष्य में परियोजना की कुल पुनरीक्षित लागत के सापेक्ष क्रमशः 13.3 प्रतिशत व 86.7 प्रतिशत पर स्थिर किया जाए। उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश को बिना किसी बाधवार सीमा के अपने जलांश का उपयोग किये जाने और अपने जलांश के अनुपयोगी जल को (यदि कोई हो) किसी भी राज्य को विक्रय किया जाने की अनुमति हो। उत्तराखण्ड राज्य को पूर्व में अपर यमुना रीवर बोर्ड द्वारा आवंटित जलांश 3.814 प्रतिशत से कम न किया जाए। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से किशाऊ बहुउद्देशीय बाँध परियोजना के कार्यान्वयन को गति प्रदान करने हेतु उक्त संशोधनों के साथ अंतर्राज्यीय समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करवाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने जनपद देहरादून में यमुना नदी पर स्थित लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना पर चर्चा करते हुए कहा कि परियोजना निर्माण हेतु सभी वांछित स्वीकृतियाँ प्राप्त हैं तथा वित्तीय सहायता हेतु भारत सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रीमण्डलीय समिति से स्वीकृति एवं केन्द्रीय अनुदान प्राप्त होते ही इस राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने केद्रीय मंत्री से भारत सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति से लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना की शीघ्र वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने हेतु प्राथमिकता पर आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार के कुम्भ क्षेत्र की ओवरहेड विद्युत लाईनों को भूमिगत किये जाने के लिए आभार व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री से इसके अनुरूप ही भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किसी योजना के अ्रतर्गत हल्द्वानी की ओवरहेड विद्युत लाईनों को भूमिगत कराए जाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की रिवैम्प्ड रिफार्म्स लिंक्ड रिजल्ट्स बेस्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्किम ( Revamped Reforms- Linked Results-Based Distribution Sector Scheme) के अन्तर्गत ओपेक्स मोड में स्मार्ट मीटर एवं प्री-पेड मीटर लगाना प्रस्तावित किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा “स्मार्ट मीटर एंव प्री-पेड मीटर के अन्तर्गत सकल बजट सहायता ( Gross Budgetary Support) का केवल 15 प्रतिशत ही प्राविधान किया गया है, जिस कारण राज्य सरकार की वितरण कम्पनी को इस नीति को क्रियान्वयन करने में वित्तीय भार वहन करने सम्बन्धी व्यवाहरिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि विशेष श्रेणी राज्यों को प्रस्तावित सकल बजट सहायता ( Gross Budgetary Support) की 15 प्रतिशत दर को बढ़ा कर 50 प्रतिशत स्वीकृत की जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली भी उपस्थित थे।

