स्वरोजगार अपनाकर नौकरी करने वाले नही नौकरी देने वाले बने छात्र छात्रायें-प्रगतिशील किसान देवेन्द्र नेगी
By adopting self-employment, students become job givers and not job seekers – progressive farmer Devendra Negi.
जैविक कृषि व बागवानी में है स्वरोजगार की असीमित संभावनायें ।
मौन पालन,मत्स्य पालन,पशुपालन,फूलों की खेती से होगी युवाओं की आर्थिकी मजबूत।
महाविद्याल की त्रिमासिक न्यूज लेटर हिमवंत का मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि ने किया विमोचन
चमोली (पोखरी)हिमवन्त कवि चन्द्र कुँवर बर्त्वाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी, चमोली मे कैरियर काउंसलिंग सैल के तत्वाधान में स्वरोजगार परक व्याख्यान माला के अन्तर्गत एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजक डॉ0 नन्दकिशोर चमोला ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत कर मुख्य अतिथि देवेन्द्र सिंह नेगी विशिष्ट अतिथि, डी0डी0न्यूज संवाददाता भानु प्रकाश नेगी एवं महाविद्यालय संरक्षक प्राचार्य डॉ0 संजीव कुमार जुयाल का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।
कार्यक्रम विशिष्ट अतिथि, डी0डी0न्यूज संवाददाता भानु प्रकाश नेगी ने अपने उद्बोधन में कहा कि पोखरी महाविद्यालय निरन्तर प्रगति की ओर है। महाविद्यालय के समस्त छात्र/छात्राओं को प्रगतिशील किसान देवेन्द्र नेगी को अपना आर्दश मानते हुऐ स्वरोजगार अपना कर अपनी आर्थिकी को मजबूत करना चाहिए। क्योंकि रोजगार सृजन विश्व की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मुख्यमंत्री सम्मान से सम्मानित देवेन्द्र सिंह नेगी ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए छात्रो को अपने स्वरोजगार परक लम्बे संघर्ष के बारे मे बताया। उन्होने बताया कि कैसे वर्ष 2004 से उन्होंने कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में अपने को स्थापित किया और एक सफल किसान के रूप में अपनी पहचान बनाकर समाज एक आईना दिखाया।देवेन्द्र नेगी ने कहा कि कृषि के लिए तकनीकी की जानकारी के साथ-साथ फूलो की खेती, मौन पालन, मत्स्य पालन, पशुपालन, एवं ट्रासपोर्ट के साधन भी आवश्यक हैं। जिससे कोई भी वस्तु, फसल एवं उत्पादित सामाग्री का उचित दाम एवं सदुपयोग हो सके। उन्होनंे कहा कि वर्तमान समय में जैविक कृषि व बागवानी की बैज्ञानिक विधि अपनाकर कर युवा अपनी आर्थिकी को मजबूत कर सकते है। और वह इस कार्य में युवाओं की मदद करने के लिए हर वक्त तैयार है।
वही महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 एस0के0 जुयाल ने अपने वक्तव्य कहा किं किसी भी कार्य के लिए कर्म कुशलता के साथ-साथ विषय विशेषज्ञता अत्यन्त आवश्यक है।उन्होंने कहा कि रोजगार विश्व की एक बड़ी समस्या है। रोजगार के अभाव में मनुष्य गलत मार्ग का चुनाव करता है जो सामाजिक अपराधो को बढाती है। उत्तराखण्ड की मनी ऑर्डरी अर्थव्यवस्था को स्वरोजगार ही बदल सकती है हमे अपने क्षेत्र में ही रोजगार के अवसर उत्पन्न करने होंगे।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ0 नन्दकिशोर चमोला ने समस्त आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया । इस अवसर पर महाविद्यालय के त्रैमासिक न्यूज लैटर हिमवन्त के माह-जुलाई से सितम्बर 2024 अंक का विमोचन महाविद्यालय प्राचार्य डॉ0एस0के0 जुयाल, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ0एन0के0 चमोला आगन्तुक अतिथिगण डी0एस0नेगी, भानू प्रकाश नेगी एवं सम्पादक डॉ0 रेनू सनवाल, सह सम्पादक डॉ0 केवला नन्द ने कियास। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं छात्र/छात्रा उपस्थित रहे।