VC दरमान सिंह नेगी राजकीय शौर महोत्सव का रंगारंग समापन्न
उत्तराखंड देवभूमि के साथ साथ वीरभूमि के नाम से भी देश व दुनियां में बिख्यात है ।यहां के सूरवीरो के शौर्य व पराक्रम की गाथाए प्रथम विश्व युद्ध से पहले विख्यात है। इन्ही शूरवीरो व अद्मय साहस के धनी प्रथम विक्टोरिया क्रास दरमान सिंह नेगी भी है। दरमान सिंह नेगी द्वारा तत्कालीन समय में विक्टोरिया क्रास सम्मान प्राप्त करने के बाद इनाम के तौर पर ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेललाइन की मांग व कर्णप्रयाग में एक बर्नाकुलर स्कूल की मांग की गयी थी। अनकी इस महान सोच का परिणाम आज धरातल पर सकार होता दिखाई दे रहा है।
वही केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा उनकी शौर्य गाथा को देखते हुए उनके मूल गांव विकासखंड नारायणबगढ के कफारतीर गांव में विगत कई सालो से 3 दिवसीय राजकीय शौर्य महोत्सव का आयोजन किया जाता है जिसे इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया जा रहा है।मेले के शुभारम्भ पर आयोजन समिति के द्वारा उनके पैतृक घर में श्रद्धांजलि समारोह के बाद मेला स्थल के लिए ढोल दमाऊ के साथ शौर्य स्थल के लिए प्रस्थान किया गया । ग्रामीणो के द्वारा वीसी दरमान सिंह के जयकारे लगाये गये। वही मुख्य अतिथि थराली विधायक भूपालराम टम्टा व अन्य गणमान्य लोगो के द्वारा राजकीय शौर्य महोत्सव का विधिवत शुभारम्भ किया गया।

मेले के दौरान आर्मी बैड की मनमोहक धुन के साथ साथ वीसी दरमान की मूर्ति पर रीत चडाकर गणमान्य लोगो ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस दौरान आर्मी कैन्टीन व मेडिकल कैम्प का भी ग्रामीणो ने जमकर लाभ लिए। विभिन्न विभागो के स्टाॅल से ग्रामीणो ने जमकर खरीदारी की।
वही वीसी दरमान सिंह फाउंडेशन फाउंडेशन के संस्थापक संरक्षक कर्नल डी एस बर्तवाल का कहना है कि वीसी दरमान सिंह द्वारा प्रथम विश्व युद्ध में 23 व 24 नवम्बर को जर्मन सैनिक को युद्ध के मैदान से भगाया गया था जिसका लिए उन्हे किंग जार्ज पंचम ने लगाई के मैदान मे सम्मानित किया था।
बाइट- कर्नल डीएस बर्तवाल,संस्थापक संरक्षक।
मेले के संस्थापक एडवोकेट भुवन नौटियाल का कहना है वीसी दरमान सिंह को जब यह सम्मान मिला था तब उन्होने इनाम के तौर पर ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेललाइन मांगी थी जो सपना अब साकर हो रहा है। कर्णप्रयाग सिवाई रेलवे स्टेशन व ऋषिकेश रेललाइन वीसी दरमान सिंह नेगी के नाम पर होना चाहिए।
