October 23, 2025

एंटी-पायरेसी समाधान और पाठ्यपुस्तकों की कीमत में कमी जैसे कदम मील का पत्थर साबित होंगे: त्रिवेन्द्र।

Steps like anti-piracy solutions and reduction in price of textbooks will prove to be a milestone: Trivendra.

एनसीईआरटी पायरेटेड पाठ्यपुस्तकों के खिलाफ सरकार की बड़ी कार्रवाई – 4.71 लाख अवैध प्रतियां जब्त, 20 करोड़ से अधिक का स्टॉक और मशीनरी सीज:  जयन्त चौधरी।

नई दिल्ली। लोकसभा में हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा एनसीईआरटी पायरेटेड पाठ्यपुस्तकों के संबंध में पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने एनसीईआरटी की पायरेटेड पाठ्यपुस्तकों पर रोक लगाने के लिए की गई सख्त कार्रवाई का विवरण साझा किया।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 और 2025 के दौरान विभिन्न राज्यों में चलाए गए विशेष अभियानों में 4.71 लाख से अधिक पायरेटेड एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें जब्त की गईं। पायरेसी मुख्य रूप से अवैध तत्वों के व्यावसायिक हितों के कारण हो रही थी, जिससे न केवल विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण सामग्री से वंचित किया जा रहा था, बल्कि शिक्षा की साख पर भी असर पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में पायरेटेड किताबों के निर्माताओं और विक्रेताओं के 29 परिसरों पर छापेमारी, 20 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का स्टॉक और मशीनरी जब्त। वहीं पाठ्यपुस्तकों की कीमत में 20% की कमी, कागज और मुद्रण की गुणवत्ता में सुधार, और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा। इसके अलावा आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित तकनीक आधारित एंटी-पायरेसी समाधान का पायलट परीक्षण, कक्षा 6 की 10 लाख पुस्तकों पर लागू। उन्होंने बतलाया कि इन सख्त और दूरदर्शी कदमों का परिणाम यह रहा कि एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की बिक्री वर्ष 2023-24 के 232 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 526 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो इस अभियान की सफलता और शिक्षा में पारदर्शिता का प्रमाण है।

जयंत चौधरी ने यह भी बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यार्थियों के हित में पायरेसी पर शून्य सहनशीलता की नीति जारी रहेगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इसपर सांसद सांसद त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि एनसीईआरटी की पायरेटेड पाठ्यपुस्तकों के खिलाफ केंद्र सरकार और शिक्षा मंत्रालय की सख्त कार्रवाई स्वागतयोग्य और सराहनीय है। 4.71 लाख से अधिक अवैध प्रतियों की जब्ती और 20 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के स्टॉक व मशीनरी सीज करना यह दर्शाता है कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता करने वालों के लिए देश में कोई जगह नहीं है। साथ ही आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित तकनीक आधारित एंटी-पायरेसी समाधान और पाठ्यपुस्तकों की कीमत में कमी जैसे कदम न केवल पायरेसी पर अंकुश लगाएंगे, बल्कि विद्यार्थियों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सामग्री उपलब्ध कराने में भी मील का पत्थर साबित होंगे।

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