प्लाट धोखाधड़ी मामले में पीड़ित पूर्व सैनिक ने रक्षा मंत्रालय से लगाई मदद की गुहार




पूर्व सैनिकों ने 30, 35 साल पहले AWHO/रुड़की द्वारा बेचे गए प्लाटों की दशा और दिशा पर AWHO/RWA Roorkee की आयोजित वार्षिक आम बैठक (AGBM) में चिंता व्यक्त की तथा इन प्लाटों को बेचने और नुकसान भरपाई हेतु भारत सरकार रक्षा मंत्रालय से लगाई गुहार।

हम पूर्व सैनिकों ने जिसमें अधिकारी जे सी ओज साहबान और जवान भाइयों ने AWHO पर भरोसा कर अपना आशियाना बनाने हेतु AWHO/Roorkee शिकार पुर प्रसाद विहार पाकेट A में 124 प्लाट और लंढौरा प्रसाद विहार पाकेट B में 45 प्लाट खरीदने थे। तत् समय आज के ये बहुत से पूर्व सैनिक सेना की व्यस्तम सेवा में रहकर इस स्थान की जानकारी से अनिभिज्ञ ही थे। यद्यपि AWHO ने मकान बनाने बाबत बिजली, पानी और सुरक्षा हेतु सुरक्षा गार्ड भी मुहैया करा दी थी जिसके एवज में इन प्लाट धारकों पर नियमित रख रखाव भुगतान राशि निर्धारित कर दी थी। इस प्रकार पाकेट A में 10 मकान बन गये थे परन्तु पाकेट B में केवल दो सैनिक अधिकारी ही अपना आशियाना बनाने में सफल हो पाये और अपने परिवार के साथ रहने भी लग गये थे। इसके बाद में लंढौरा प्रसाद विहार पाकेट B की बाउंड्री के साथ चिपका कर आई ओ सी(IOC) ने अपना विशाल गैस भण्डारण स्थापित कर दिया जिसके परिणाम स्वरूप यह स्थान रहने के लिए एक जोखिम भरा और भयभीत हो गया। इस कारण यहां से जो दो सैनिक अधिकारी परिवार सहित निवास कर रहे थे वे भी अन्यत्र चले गए और इसके बाद अभी तक वह स्थान वीरान और खंडहर अवस्था में तब्दील हो गया। वहां से सुरक्षा गार्ड आदि भी नदारद हो गये। वहां पर जो भी फिटिंग आदि लगाई गई थी वह सब वहां से नदारद है परन्तु रख रखाव भुगतान बाबत AWHO अपना दिशा निर्देश जारी रखती रही और प्लाट धारकों ने अपनी प्लांटों की रजिस्ट्री भी अपने नाम करा रखी है। कुछ कारणवश रह रहे होंगे। कुछ कुछ प्लाट धारकों ने AWHO की निष्क्रियता को भांप कर अब रख रखाव भुगतान (Maintenanc Charges) देना बन्द कर दिया है। प्लाट धारकों ने पत्राचार के माध्यम से पाकेट B की शिकायतें भी भेजी परन्तु कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। साथ ही अब सभी प्लाट धारक बुजुर्ग पूर्व सैनिक हो गये हैं और वे सभी अन्यत्र बस गए हैं। इनमें से बहुत से बूढ़े बुजुर्ग पूर्व सैनिक भगवान को भी प्यारे हो गए हैं।इस विकट स्थिति को भांपते हुए यहां पर तकरीबन 90 प्रतिशत प्लाट धारकों ने अपना मन इन प्लाटों को बेचने के लिए बना दिया है। यदि कुछ अपने निजी परिस्थितियों के कारण वह स्थान नहीं बेचना चाहते हैं तो वह उनकी अपनी इच्छा परन्तु कयास लगाए जा रहे हैं कि सम्भवतः ये भी बेचने की सहमति जताएंगे।
23 मार्च 2025 को AWHO के तत्वावधान में RWA Roorkee शिकार पुर प्रसाद विहार पाकेट A में समिति के अध्यक्ष सुबेदार मेजर एस एस कैन्तुरा की अध्यक्षता में पाकेट A और पाकेट B के प्लाट धारकों की वार्षिक आम बैठक (ABGM) हुई जिसका संचालन सुबेदार मेजर आर पी भट्ट साहब कर रहे थे। आम बैठकों की तरह इसमें सभी औपचारिकताएं निभाई गई। आय-व्यय का लेखा जोखा सभा के पटल में रखा गया। जिसको सभी ने अनुमोदित किया। सभी बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया गया। तत् पश्चात प्रश्न काल के दौरान प्लाटों की दशा और दिशा तथा इनके खरीद और बेचने पर काफी नोंक झोंक हुई। AWHO ने अपनी सारी जबाब दारी RWA Roorkee को 2017 में सुपुर्द कर दी परन्तु ठोस निर्णय RWA Roorkee नहीं दे पा रही है। जिससे सभी प्लाट धारक दुविधा में हैं कि क्या किया जाए।
इस बैठक में पाकेट A से कर्नल जयपाल मलिक साहब, सुबेदार मेजर एस एस कैन्तुरा , सुबेदार मेजर आर पी भट्ट सुबेदार मेजर धनीराम पाकेट B से ब्रिगेडियर बी के अग्रवाल, कर्नल गुलबीर सिंह, कर्नल एस के एस भार्गव, कर्नल बख्शी, ले कर्नल (IN) पवन कुमार सिंह, कर्नल त्यागी , कर्नल संजय, कैप्टन आलम सिंह भण्डारी, अनिल रघुवंशी,मातृ शक्ति सभी उपस्थित थे।

