लोक उत्सवःउत्तरकाशी में परम्परागत तरीके से मनाई गई मंगसीर बग्वाल
जनपद उत्तरकाशी में प्रत्येक गांव में मंगसीर बग्वाल बड़े धूम धाम से मनाई गई । जनपद मुख्यालय में तीन दिनों से रामलीला मैदान में आयोजित मंगसीर की बग्वाल में आए मेहमानों ने भैलो रांसू तांदी का भर पूर लुप्त उठाया ।बग्वाल का मुख्य उद्देश्य उत्तरकाशी में तिब्बत विजय का उत्सव मंगसीर की बग्वाल कार्तिक दीपावली से एक माह बाद मनाया जाता है। दिवाली पर्व के ठीक एक माह बाद उत्तरकाशी जिले में मंगसीर बग्वाल मनाई जाती है।
इस साल तीन दिनों तक चलने वाला बडी बग्वाल मनाई गई जिसमें कई जानी-मानी हस्तियों के उत्तरकाशी पहुंचकर प्रतिभग किया तो वही उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में कहीं क्षेत्र से लोग अपनी वेशभूषा में पहुंचकर धूमधाम से मंगसीर बग्वाल मनाई धूम मैं रास नृत्य एवं लकड़ी के बने बने ऑल घूमर भारत तिब्बत विजय के उपलक्ष में उत्तरकाशी के गंगा घाटी सहित यमुना घाटी में मंगसीर बग्वाल मनाई धूम मनाई जाती है ।
वही उत्तरकाशी के कंडार देवता मंदिर से आजाद मैदान तक ग्रामीणों ने बग्वाल का शुभारंभ लोक वाद्य यंत्रों ढोल-दमांऊ और रणसींगे की थाप और मांगल गीतोंऔर महिलाओं ने गढ़ फैशन के माध्यम से सशक्त संस्कृति और परंपरा की मंच पर छटा बिखेरी।
इस त्योहार पर प्रत्येक घर में दाल के पकोड़े, आलू और गहथ की भरी पूरियां बनाई जाती है । साथ ही ग्रामीणों ने गांव की थाती पर एकत्र होकर एक साथ भैलो (लकड़ी के छिलकों से बनाया हुआ मशाल) जलाकर देर रात तक ढोल-दमाऊ की थाप पर नृत्य कर एक-दूसरे के घर में पकवानों से भरी थालियां भेंट की जाती है ।रामलीला मैदान में मंगसीर बग्वाल के बड़े धूम धाम से मनाई गई । इस मौके पर आयोजित खेल प्रतियोगिताओं रस्साकशी का कार्य क्रम किया गया ।