भोटिया जनजाति के लोगों को शीतकालीन प्रवास भूमि व निर्मित भवनों पर मालिकाना हक दिये जाने की कवायद शुरू



चमोली:भोटिया जनजाति समुदाय नीती माणा घाटी के शीतकालीन प्रवास की भूमि उनके नाम दर्ज करने के सम्बंध में राजस्व सचिव उत्तराखण्ड ने जनपद चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना से वीसी के माध्यम से लाभान्वित परिवारों के आंकड़े,उनके पास काबिज सरकारी भूमि/गैर सरकारी भूमि के सम्बंध में जानकारी प्राप्त की।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 10 अगस्त 2022 को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नीती घाटी के बुरांश मलारी भ्रमण के दौरान भोटिया जनजाति के शीतकालीन प्रवास की भूमि उनके नाम दर्ज करने हेतू घोषणा की। मुख्यमंत्री/प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप भोटिया जनजाति के लोगों को उनके शीतकालीन प्रवास के पडाव और राजकीय भूमि पर निर्मित भवनों एवं काबिज भूमि का मालिकाना अधिकार दिए जाने की कवायद शुरू हो गई है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने इस संबंध में कल गुरूवार को राजस्व अधिकारियों की बैठक ली।


उन्होंने निर्देशित किया कि जनपद में भोटिया जनजाति के शीतकालीन प्रवास वाले सभी गांवों में भोटिया परिवारों की संख्या और काबिज क्षेत्रफल का संक्षिप्त विवरण तैयार किया जाए। राजस्व अभिलेखों में भोटिया पडाव के नाम से दर्ज भूमि और सरकारी भूमि के साथ ही भोटिया जनजाति के ऐसे परिवार, जिनके पास भूमि का मालिकाना हक है और ऐसे परिवार जिनको मालिकाना हक दिया जाना है, उसका विवरण शीघ्र उपलब्ध किया जाए।
इसी सम्बन्ध मे आज राजस्व सचिव उत्तराखण्ड ने जिलाधिकारी हिमांशु खुराना से वीसी के माध्यम से धरातलीय सर्वे की जानकारी प्राप्त की और जिलाधिकारी द्वारा दी गई रिपोर्ट को शासन को सौपेंगे।
सरकार के इस कदम के लिए नीती माणा घाटी के भोटिया जनजाति लोगो ने बहुत बहुत प्रशंशा की और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
पुष्कर सिंह राणा,हिमवंत प्रदेश न्यूज जोशीमठ/नीती-माणा घाटी चमोली।