सिर्फ दो कर्मचारियों के भरोसे राजकीय पशु चिकित्सालय एवं गर्भधान केन्द्र पोखरी




चमोली/पोखरीःकेन्द्र व राज्य सरकारी की महत्वपूर्ण योजना कृषि और पशुपालन से किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का दावा हवाई सावित हो रहा है। इसका ताजा उदाहरण जनपद चमोली के विकासखंड पोखरी स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय एवं कृतिम गर्भधान केन्द्र में देखने को मिली है। शासन व प्रसाशन की बेरूखी का आलम यह है कि जिस पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक,सहायक अधिकारी समेत लगभग 12 पद पर तैनाती होनी चाहिए थी वहां मात्र दो कर्मचारियों के भरोसे क्षेत्र की 73 से अधिक ग्राम सभाओं के पशुओं की चिकित्सा चल रही है।
इस पशु चिकित्सालय में डॉक्टर को तैनात तो किया गया है,लेकिन साथ ही जिले के तीन अन्य राजकीय पशु चिकित्सालयों केन्द्रों में भी इसी डॉक्टर को अटैच किया गया है। हॉलाकि पहले की तुलना मंे अब पशुु चिकित्सालय में 50 प्रतिसत तक दवायें उपलब्ध है,लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इन दवाओं को कैसे दिया जाय और कौन सी बीमारी में क्या दवा दी जाय यह अस्पताल के कर्मचारियों लिए बड़ी समस्या बनी हुई है।

राजकीय पशु चिकित्सालय केन्द्र में डॉक्टर की पूर्ण तैनाती व कर्मचारियों के आभाव के कारण क्षेत्र के तमाम किसान,कास्तकार व पशुपालको को भारी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। कई मौकों पर पशुओं की बीमारी व गर्भवस्था के दौरान समय पर उचित उपचार न मिलने के कारण असमय मौत हो जाती है जिससे पशु पालकों को भारी आर्थिक छति पंहुचती है।क्षेत्रीय जनता ने राज्य सरकार से पोखरी क्षेत्र में जल्द डॉक्टर समेंत अन्य कर्मचारियों की तैनाती की पुरजोर मांग की है,ताकि उन्हें आर्थिक हानि न पंहुच सके।

