सड़क व पुल की समस्या का समधान न होने तक पाणी ईराणी के ग्रामीणों ने किया रोड़ नहीं तो वोट नहीं का ऐलान




Villagers of Pana Irani announced no road or no vote until the problem of road and bridge is not resolved.
चमोली/पाणी ईराणीःभले ही राज्य व रुकेन्द्र सरकार सूबे के पर्वतीय जनपदों में पूर्ण विकास के दावे कर रही हो लेकिन कई जनपदों में अभी भी ऐसे क्षेत्र है जहां के लोग सड़क पुल जैसी मूल भूत सुविधा के लिए तरस रहे है। ऐसे नहीं कि यह बात जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के संज्ञान में न हो लेकिन जन प्रतिनिधि भी इन लोगों की समस्याओं का समाधान के बजाय वोट बैंक व निजी स्वार्थ की रुराजनीति में उलझे हुऐ रहते है। सड़क व पुल को किसी भी देश शहर व गांव की लाईफ लाइन माना जाता है लेकिन उत्तराखंड के कई गांव के लोग इस लाईफ लाइन से भी महरूम है। इन्हीं गांवों में से एक सीमांत जनपद चमोली के दशोली व्लॉक के पाणी ईराणी,झीझी,भनाली,बौणा आदि है जहां साल 2009 से प्रस्तावित पुल व सड़क के कार्य पर काई प्रगति नहीं हुई पुल व सड़क के निमार्ण न होने से ग्रामीणों को भारी परेसानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर गर्भवती महिलाओं बीमार बुर्जगों को आये दिन परेसानियों से रूबरू होना पड़ रहा है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य पाणा ईराणी विजय सिंह का कहना है कि कई बार रुजिलाधिकारी,मुख्यमंत्री समेत जिम्मेदार जनप्रतिनिधियो को ज्ञापन देने के बावजूद भी सड़क व पुल का निमार्ण नहीं हो पाया है।
वही पाणी ईराणी,झीझी,भनाली,बौणा के ग्रामीणों ने एक बैठक का आयोजन कर आगामी लोकसभा चुनाओं के पूर्ण बहिष्कार का मन बनाया हैं ग्रामीणों ने नारा लगाया है कि जब तक रोड़ नहीं तब तक वोट नहीं। इस दौरान आस पास के सभी ग्राम पंचायतों ने कार्यक्रम में पंहुचे संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से रुजिलाधिकारी चमोली व रुनिर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौपा।
ग्रामीणों का कहना है कि बीते 2009 से अभी तक विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की सरकारें आई लेकिन उन्हें सड़क व पुल निमार्ण के लिए सिर्फ आश्वासन दिया गया। जब तक सड़क व पुल के निमार्ण का जीओ जारी नहीं होता तब तक हर हाल में लोकसभा चुनाओं का बहिष्कार किया जायेगा। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रसाशन व निर्वाचन अधिकारी की होगी।
भानु प्रकाश नेगी,हिमवंत प्रदेश न्यूज,चमोली