उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ ने विभिन्न समस्याओ को लेकर आयोजित की वर्चुअल बैठक।
उत्तराखण्ड उपनल संविदा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों द्वारा एक वर्चुअल बैठक की गयी। जिसमें प्रदेश कार्यकारणी व जनपद कार्यकारणी के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिसमें निम्नानुसार चर्चा की गयीः
सर्व प्रथम जिला अध्यक्ष देहरादून नितिन कुमार द्वारा कहा गया कि मंहगाई के इस दौर में उपनल कर्मचारी 10 से 12 हजार मासिक वेतन में अपने परिवार का भरण पोषण करने में अत्यन्त कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। कैबिनेट द्वारा दिसम्बर 2021 में निर्णय लिया था कि उपनल कर्मचारियों को मासिक आधार पर भत्ता दिया जाय जिसका शासन स्तर से आदेश भी निर्गत कर दिया जा चुका था किन्तु 11 माह व्यतीत होने के उपरान्त भी शासनादेश पर अम्ल नहीं किया जा रहा है। जिस कारण राज्य का प्रत्येक उपनल कर्मचारी परेशान है। जहाँ सरकार द्वारा राजकीय कर्मचारियों का मंहगाई भत्ते में दो बार बढ़ोत्तरी कर चुकी है वहीं दूसरी ओर मंहगाई भत्ता तो छोड़िए उपनल कर्मचारियों को परिवार को मासिक तौर पर भरण पोषण के लायक वेतन तक नहीं दिया जा रहा है।
प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन भट्ट द्वारा कहा गया कि उपनल कर्मचारियों को राज्य के विभिन्न विभागों/निगमों इत्यादि में अति न्यनू वेतन में कार्य करते हुए 10, 15 से 20 वर्ष हो चुके है ऐसे में उनको दीपावली बोनस न दिया जाना आश्चर्यजनक स्थिति है। जबकि सरकार एक आदर्श नियोक्ता है ऐसे में जब सरकार अपने अधीन कर्मचारियों के साथ ही ऐसा भेदभाव कर रही है तो फिर प्राइवेट कम्पनी में कार्य कर रहे कर्मचारियों के साथ कैसा व्यवहार हो रहा है होगा कहा नहीं जा सकता है।
प्रदेश महामंत्री प्रमोद गुसाई ने कहा कि सरकार हमारी निम्न मांगों को पूरा करें।
1. उपनल कर्मचारियों के त्रैमासिक भत्ते को वेतन में जोड़ा जाय।
2. उपनल कर्मचारियों को दिपावली का बोनस दिया जाय।
3. एस0एल0पी0 वापस लेते हुए सरकार उपनल कर्मचारियों के लिए नियमावली बनाये।
प्रदेश अध्यक्ष रमेश चन्द्र शर्मा द्वारा कहा गया कि सरकार को उपनल कर्मचारियों के वेतन बढ़ोत्तरी में तो आर्थिक बोझ दिखाई दे रहा है वहीं दूसरी ओर आश्चर्य की बात है कि मा0 सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार उपनल वाले केस में पर सुनवाई 20 लाख दे रही है जिसके लिए वर्ष 2021 में वित्त विभाग द्वारा 80 लाख स्वीकृत किया जा चुका है।
उपनल कर्मचारी अति न्यून वेतन भोगी कर्मचारी है ऐसे में उसको दीपावली बोनस नहीं दिया जाना न्यायसंगत नहीं है ऐसे में यदि सरकार द्वारा उपनल कर्मचारियों को बोनस नहीं दिया जाता है तो उपनल कर्मचारी प्रत्येक जनपद से भीख मांगकर पैसा जुटाकर मा0 मुख्यमंत्री जी को बोनस का चैक भेंट करेंगे।
बैठक में सर्व मनोज जोशी, गणेश गोस्वामी, तेजा सिंह बिष्ट, मनोज गढ़कोटी, अनिल कोटियाल, विनोद बिष्ट, कमल गढ़िया, त्रिभुवन बसेड़ा, मनीष वर्मा, संदीप कुमार, जगवेन्द्र पंवार, योगेश भाटिया, देवेन्द्र रतूड़ी, मनोज शर्मा, हरीश नेगी, पवन डुगरिया, राकेश जोशी आदि उपस्थित थे।