July 7, 2025

ढाई इंच मुस्कान हास्य कवि राकेश जैन के पहले काव्य संग्रह का हुआ विमोचन

देहरादूनः आज के इस तनावपूर्ण माहौल में किसी व्यक्ति के होंठों पर मुस्कान लाना या हंसने-हंसाने को मजबूर करना कोई आसान काम नहीं है और कोई अगर यह काम कर रहा है, तो वह सच्चा इंसान है और इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं राकेश जैन। देश के गिने-चुने और प्रतिष्ठित हास्य कवियों में राकेश जैन का नाम शुमार किया जाता है, जो उत्तराखंड के साहित्य जगत के लिए भी सम्मान की बात है।मुख्य अतिथि और राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने रविवार को रेलवे रोड स्थित जैन धर्मशाला में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में यह बात कही। मौका था हास्य कवि राकेश जैन ‘राकेश’ के पहले कविता संग्रह ‘ ढ़ाई इंच मुस्कान’ के विमोचन का। इस दौरान विशिष्ट अतिथि एवं उद्योगपति डा. एस फारूक ने कहा कि जीवन में हंसी कई रोगों का उपचार कर देती है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाले दिल्ली से आए जाने माने हास्य कवि महेंद्र अजनबी ने कहा कि हास्य रस के बिना जीवन नीरस हो जाता है। कहा कि राकेश जैन अपनी कविताओं से जहां गुदगुदाते हैं वहीं व्यवस्था पर तंज करने से भी नहीं चूकते और यही कवि धर्म है।
सारस्वत अतिथि और उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डा. सुधारानी पांडे ने राकेश जैन को उनकी पुस्तक के लिए बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि वह इसी तरह काव्यप्रेमियों को हंसाते रहेंगे। वरिष्ठ साहित्यकार और डीएवी कालेज के प्रोफेसर डा. रामविनय सिंह ने कहा कि राकेश जैन की कविताएं हंसाती ही नहीं बल्कि समाज को सोचने और रास्ता दिखाने का भी काम करती हैं। अति विशिष्ट अतिथि एवं पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि जीवन में हास्य रस का समावेश जरूरी है और जो काम राकेश जैन अपनी रचनाओं के जरिये कर रहे हैं उसके लिए वह साधुवाद के पात्र हैं। वरिष्ठ साहित्यकार डा. विजेंद्र पाल शर्मा ने कहा कि राकेश जैन समाज में घट रही घटनाओं को हास्य का पुट देकर लोगों के दिल में उम्मीद जगाते हैं।
इस मौके पर हास्य कवि राकेश जैन ने कहा कि अपनी कुछ कविताएं सुनाई और कहा कि यह उनका पहला काव्य संग्रह है, जिसमें उनकी चुनींदा कविताएं शामिल हैं। यदि वह किसी एक व्यक्ति को भी अपनी रचनाओं से हंसा पाए, तो यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
इससे पहले कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधायक प्रीतम सिंह, समर्पण सागर महाराज और अतिथियों ने राकेश जैन के कविता संग्रह का विमोचन किया। ग़ज़लकार अरूण भट्ट ने राकेश जैन की एक ग़ज़ल सुनाकर समां बांध दिया। वरिष्ठ कवि श्रीकांत श्री ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस मौके पर अंबर खरबंदा, गिरिधर शर्मा, शादाब अली, दर्द गढ़वाली, श्रीमती रश्मि जैन, डा. राकेश बलूनी, मेजर डा. नंद किशोर, डा. चंद्र प्रकाश, डा. राजेश तिवारी, डा. अमित वर्मा, डा. हेम जोशी, गोपाल सिंघल,संजय, राजीव व पंकज जैन समेत समाज के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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