फिर भारी पडेगा विकास और राष्ट्रवाद का कॉकटेल !
भूपेंद्र कंडारी,वरिष्ठ पत्रकार की फेसबुक वाल से
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उत्तराखंड में जीर्णशीर्ण खड़ी भारतीय जनता पाट्री और परेड मैदान में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर जुटी भीड़ इशारा कर रही है कि उत्तराखंड में राष्ट्रवाद, धार्मिक धुव्रीकरण और जनकल्याण की योजनाओं के आपसी गठजोड़ से भाजपा एक फिर सत्तासीन हो जायेगी।
उत्तराखंड में कटुता भरे और समाज को बांटने वाले चुनावी अभियान में मोदी ने राष्ट्रवाद और विकास के कॉकटेल को जिस ढंग से परोसा उससे मोदी भक्तों का नशा चरम छू गया तो राजनीतिक विरोधी, आलोचक उनके देश प्रेम और विकास नीति के आगे बोने साबित हो गए। मोदी का अंदाज बयां करता है कि शेर का अंदाज नहीं बदलता, वह जंगल में या फिर सर्कस में । वह होता शेर ही है। परेड़ मैदान की रैली ने एक बात तय कर दी कि उत्तराखंड में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनेगी तो स्थानीय नेताओं के दम नहीं बल्कि मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व से ही बनेगी। परेड़ मैदान में पूर्व सैनिकों, उम्रदराज महिलाओं और सैनिक पृष्ठ भूमि के लोगों की मौजूदगी ने साबित कर दिया कि वह मोदी से अंधा प्यार करते हैं और मोदी के कहने पर कुछ भी कर सकते हैं। मोदी की रैली से पहले के आंकड़ों से गदगद विपक्ष की हवा भी मोदी के जलवे को देखकर संट हो गई। परेड़ मैदान में जो लोग मोदी को सुनने आए थे वह गवाह है कि मोदी ने ऐसी कोई बात अपने भाषण में नहीं कही जिससे धार्मिक उन्नमाद उपजता हो। किसी को निशाने पर रखकर उसके खिलाफ ऐसी कोई बात नहीं कही जिससे सामाजिक वैमश्यता फैलती हो। मोदी ने भीड़ के सामने विकास के तुलनात्मक आंकडे़ और किए गए खर्च का ब्यौरा इस तरह से रख दिया कि मोदी का विरोध करने वाले बगलें झांकने लगे। साथ ही खर्च होने वाले 18 हजार करोड़ की नई योजनाओं का ऐसे ब्योरो दिया कि सबने मान लिया मोदी कह रहा है तो हो जायेगा । उसके पीछे का तर्क सभी अपने-अपने अंदाज से लगाने लगे लेकिन ऑल वैदर रोड पर जिस तरह से कार्य हुआ उससे सभी वर्गों का भरोसा जागा कि मोदी कह रहा है तो हो जायेगा।
रैली में शामिल हजारों-हजार लोगों का भरोसा मोदी ने ऐसे ही नहीं जीता। उसके पीछे भी मोदी की उत्तराखंड जैसे छोटे प्रदेश के विकास और पहाड़ की जवानी व पानी की सोच रही जिसको लेकर मोदी को बार-बार उत्तराखंड आए हैं और प्रदेशवासियों को
भरोसा दिलाया कि देश का प्रधानमंत्री ही सही लेकिन उत्तराखंड का हितैषी हूं।
नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही खुद को चौकीदार और देश की ज़मीन, हवा और बाहरी अंतरिक्ष, सबकी सुरक्षा करने बाला बताते रहे हैं। वह हमेशा विकास का वादा दोहराते रहे हैं और साथ ही गरीबों के लिए जो भी जनकल्याण योजनायें आरंभ की उनको गिनाते रहे हैं। मकान, शौचालय, क्रेडिट, और कुकिंग गैस, आयुष्मान, तीन तलाक, राम मंदिर, जम्मू-कश्मीर में 370, सर्जिकल स्ट्राइक ने मोदी के कद को पल-पल बढाया ही है। मोदी ने एक अरब तीस करोड़ लोगों के साथ ही पूरी दुनिया में अपना कद ऐसे ही नहीं बढ़ाया । उन्होंने अथाह मेहनत के साथ भारत का धु्रवीकरण कर अभी तक के सभी चुनाओं को अपने इर्द-गिर्द समेट दिया । हालांकि उनके सामने चुनौतियां रही। एंटी इनकंबैंसी का फैक्टर रहा। बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ चुकी है। कोरोना ने आम आदमी की आर्थिकी का भटृा बिठा दिया है। किसान एक साल से आंदोलित थे तो उनको अपने निर्णय पर रोलबैक करना पड़ा । नोटबंदी से नुकसान और जीएसटी को लेकर लगातार हो रही शिकायतें ।
इतना सब होने के बावजूद परेड़ मैदान की भीड़ ने साफ कर दिया कि वह इन सबके लिए मोदी को जिम्मेदार नहीं मानते हैं। नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में लगातार मोदी के आने से पहले के उत्तराखंड और मोदी के बाद के उत्तराखंड को ही केंद्रित रखा। भीड़ में कई लोग मोदी को अपनी समस्याओं को हल करने वाला मसीहा भी बता रहे थे। भीड़ का हर तीसरा व्यक्ति कह रहा था कि वह मोदी को सुनने आए हैं और भाजपा को केवल मोदी के नाम पर ही वोट देंगें।
रैली में शामिल लोगों से हुई वार्ता में लगभग सभी ने यही कहा कि इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और इस पर कोई सवाल नहीं है। साथ ही मौजूदा समय में राष्ट्रीय ही बल्कि अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर मोदी को कोई चुनौती देने की स्थिति में भी नहीं है।
उत्तराखंड में मोदी के नाम से हुई 2017 की उनकी जीत की एक वजह भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी कांग्रेस पार्टी के प्रति लोगों की नाराजगी भी और मोदी का करिश्माई नेतृत्व था लेकिन इसबार 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा अगर जीत रही है तो वह केवल और केवल नरेन्द्र मोदी के नाम से जीत रही है। वर्ना तो सभी जानते हैं कि जिस प्रदेश में चार साल की अवधि में ही तीन-तीन मुख्यमंत्री बने हों वहां भारतीय जनता पाट्री में वर्तमान में एक भी ऐसा नेता है जो अपने दम पर चुनाव जीत सकता हो। प्रदेश में भाजपा की सरकार फिर बनी तो मोदी ऐसे पहले नेता बनेंगें जो जो लगातार अपने चमत्कारी नेतृत्व से उत्तराखंड में दूसरी बार भारतीय जनता पाट्री को बहुमत दिलायेंगें। राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर ऐसा संभव हो पाया तो यह नरेंद्र मोदी और नए भारत के साथ ही नए उत्तराखंड को लेकर उनके विचार की जीत होगी।
