विजराकोट(हिलोरीधार) से द्युका,चौण्डी पर मोटरमार्ग मिलाये जाने को लेकर ग्रामीणों ने गढ़वाल सांसद को लिखा पत्र।




रूद्रप्रयाग: मोटरमार्ग के लिए जद्दोजहद कर रहे जनपद रुद्रप्रयाग के अगस्तमुनी ब्लाक ग्राम पंचायत थपलगांव द्युका के ग्रामीणों ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के समर्थन से भरा पत्र गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को भेजा। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से क्षेत्र के ग्रामीणों ने निवेदन किया है कि राज्य योजना/ केंद्रीय योजना के अंतर्गत हिलोरीधार से द्यूका- चौण्डी पर मोटर मार्ग मिलान की स्वीकृति दी जाए। ग्रामीणों ने गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को लिखे पत्र में अवगत कराया है की जनपद रुद्रप्रयाग /चमोली के मध्य बिजराकोट (हिलोरीधार) से द्युका चौंडी पर मोटर मार्ग का मिलान किया जाना अति आवश्यक है। जिससे क्षेत्र के ग्रामीण अपनी दैनिक दिनचर्या सुचारू रूप से कर सकें। क्योंकि इन स्थानों पर अभी तक ग्रामीणों को अपनी दैनिक दिनचर्या पैदल मार्गों से होते हुए करनी पड़ती है। इस सड़क मार्ग के मिलान निर्माण से उपरोक्त ग्राम सभाएं/ ग्राम पंचायत लाभान्वित होंगी।
बिजराकोट हिलोरीधार द्यूका सेरा मालकोटी,सिराऊ,सिमलासू,चौण्डी, मज्याड़ी गांव के साथ-साथ संपूर्ण दशज्यूला क्षेत्र के गांवों का प्रमुख बाजार/व्यवसाय गौचर में है। यह क्षेत्र हवाई सेवा, रेल सेवा, संचार,शिक्षा स्वास्थ्य, सैनिक क्षेत्र एवं राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है लेकिन सड़क के अभाव में ग्रामीणों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाता है। इस मोटरमार्ग के मिलान होने से इन गांव का चौमुखी विकास तथा यहां के धार्मिक/ पर्यटन स्थल कार्तिक स्वामी एवं प्रसिद्ध मां चंडिका देवी मंदिर दशज्यूला क्षेत्र के गांम मैं आने जाने की नजदीकी सुविधा भी प्राप्त होगी।
ग्रामीणों ने गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को पत्र के माध्यम से गुहार लगाई है की जनहित में हिलोरीधार धार से द्यूका पर मोटरमार्ग मिलान की स्वीकृति अति शीघ्र दिए जाने की दी जाए ।
आपको बता दें की रुद्रप्रयाग जनपद के दशज्यूला क्षेत्र में सड़क मार्गो का क्षेत्र के अनेक गांव से मिलान ना होने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वही रुद्रप्रयाग के ग्राम पंचायत थप्पल गांव के दूरस्थ गांव द्यूका व चमोली जनपद के पोखरी ब्लॉक का दूरस्थ गांव सेरा मालकोटी कुमैडांग अभी तक मोटर मार्ग से नहीं जुड़ पाया है जिससे इन ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी जूझना पड़ रहा है।