जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में हुई जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक।
The meeting of District Ganga Conservation Committee was held under the chairmanship of District Magistrate Sandeep Tiwari.
जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई। जिसमें गंगा नदी की सभी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने पर जोर दिया गया। इस दौरान सीवरेज उपचार, नदी सतह की सफाई, वनरोपण, अपशिष्ट निगरानी, नदी तट विकास, जैव विविधता और जागरूकता विषयों पर गहनता से चर्चा की गई।
नमामि गंगे द्वारा कर्णप्रयाग में निर्मित दो एसटीपी जल संस्थान द्वारा हैंडओवर न लिए जाने पर जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया कि आपत्तियों को स्पष्ट और लिखित रूप से उपलब्ध करें। विगत चार महीनों में एसटीपी के अंतिम आउटलेट से निकाले गए उपचारित अपशिष्टों के नमूनों में फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा 1600 से घटकर 300 तक आने पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान के कार्यों की सराहना करते हुए इसे और कम करने पर जोर दिया। कहा कि सभी एसटीपी में अपशिष्ट जल का इष्टतम उपचार पर विशेष फोकस रखा जाए।
जिलाधिकारी ने नगर निकायों में डोर-टू-डोर कूडा कलेक्शन व सोर्स सेग्रीगेशन पर विशेष ध्यान देने और एंटी लिटरिंग एक्ट का उल्लंघन करने वालों का चालान करने के निर्देश दिए। कहा कि सभी अधिशासी अधिकारियों पालिका के प्रत्येक वार्ड के लिए रोस्टर निर्धारित करते हुए लोगों को जागरूक करें और कम्पोस्ट पिट बनाने के लिए स्थल चिन्हित करें। पालिका क्षेत्रों से बहने वाले छोटे-बड़े सभी नालों में जाली लगाकर प्लास्टिक वेस्ट को नदी में जाने से रोका जाए। अस्पतालों से निकलने वाले वायो मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण किया जाए। पर्यटन विभाग को जनपद में संचालित 20 से अधिक कमरों वाले होटलों में अनिवार्य रूप से एसटीपी लगाने के निर्देश दिए। कालेश्वर में सभी औद्योगिक संस्थान को ईटीपी से जोड़ने हेतु त्वरित कार्रवाई करने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि कर्णप्रयाग संगम पर नियमित रूप से गंगा आरती का आयोजन कराया जाए।
सदस्य सचिव/प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद में स्वीकृत 16 एसटीपी का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसमें से 14 एसटीपी जल संस्थान को हैंडओवर किए गए है। इन एसटीपी में 28 नालों को जोड़ा गया है। इसमें बद्रीनाथ में 6, जोशीमठ में 05, गोपेश्वर में 07, नंदप्रयाग में 03 तथा कर्णप्रयाग में 07 गंदे नाले एसटीपी से जोडे गए है। दो एसटीपी जल संस्थान ने अभी तक हैंडओवर नही लिए है। नगर निकायों में सोर्स सेग्रीगेशन, डोर टू डोर कूडा कलेक्शन, नालियों की नियमित सफाई तथा कूडे से खाद बनाने का काम किया जा रहा है। नदी के एक किलोमीटर दायरे में आने वाले गांवों को भी गंगा ग्राम में शामिल करने हेतु सर्वेक्षण कार्य चल रहा है। अभी तक 148 गांवों को गंगा ग्राम के रूम में चिन्हित कर लिया गया है। इन सभी गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए काम किया जाएगा।
बैठक में डीएफओ सर्वेश दुबे, सीडीओ नन्दन कुमार, सीएमओ डा0 अभिषेक गुप्ता, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके श्रीवास्तव, ईओ गोपेश्वर मानवेन्द्र सिंह, नमामि गंगे के जिला परियोजना अधिकारी गोविंद सिंह बुटोला सहित वर्चुअल माध्यम से नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी मौजूद थे।