उत्तराखंड में मातृ, शिशु और बाल मृत्यु निगरानी और प्रतिक्रिया (MPCDSR) पर राज्य-स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
State-level workshop on Maternal, Infant and Child Mortality Surveillance and Response (MPCDSR) organized in Uttarakhand
देहरादून: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) उत्तराखंड ने माननीय स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देशों में 11-13 दिसंबर, 2024 को देहरादून स्थित डिविजनल हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ट्रेनिंग सेंटर में तीन दिवसीय राज्य-स्तरीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा रहा है।
यह कार्यशाला उत्तराखंड में मातृ, शिशु और बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई, जिसमें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तराखंड के विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस आयोजन की अगुवाई श्रीमती स्वाती एस. भदौरिया, मिशन निदेशक, एन.एच.एम. उत्तराखंड ने की।
कार्यशाला की प्रमुख विशेषताएँ
विशेषज्ञों से विचार-विमर्श और ज्ञान साझा करनाः
डॉ. एस. रथनाकुमार, विशेषज्ञ सलाहकार, तमिलनाडु ने स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करने पर अपने विचार साझा किए।
डॉ. पूनम शिव कुमार, निदेशक प्रोफेसर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट, सिवाग्राम ने महाराष्ट्र में मातृ निकट-मृत्यु निगरानी से प्राप्त प्रभावी पाठ्यक्रमों को प्रस्तुत किया और उत्तराखंड के लिए क्रियाशील रणनीतियाँ साझा की।
डॉ. मनु जैन निदेशक एन.एच.एम., डॉ तृप्ति बहुगुणा एडवाजर एस0एच0आर0सी0 और डॉ. उमा रावत ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया, विशेष रूप से मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए तीन देरी मॉडल पर चर्चा की।
मातृ मृत्यु मामले पर चर्चाः
जिला टीमों ने मातृ मृत्यु के वास्तविक जीवन के मामले प्रस्तुत किए, जिन्हें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज और USAID SAMVEG के विशेषज्ञों के पैनल द्वारा समीक्षा की गई। इन चर्चाओं ने प्रमुख निर्धारकों को पहचानते हुए सुधारात्मक उपायों को सामने लाया।
इंटरएक्टिव लर्निंग सत्रः
डॉ. नितिन अरोड़ा और डॉ. नितिन बिष्ट ने मातृ मृत्यु के निर्धारकों पर एक इंटरएक्टिव क्विज सत्र आयोजित किया। डॉ. चित्रा ने संस्थान आधारित मातृ मृत्यु की महत्वता पर प्रकाश डाला।
डेटा-आधारित सुधार पर ध्यानः
MPCDSR ऑनलाइन पोर्टल पर श्री विकस राजपूत, सॉफ़्टवेयर विशेषज्ञ, स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सत्र आयोजित किया गया, जिसमें वास्तविक समय में डेटा दर्ज करने के लिए सहभागियों को प्रशिक्षण दिया गया, ताकि रिपोर्टिंग की सटीकता और समयबद्धता में सुधार हो सके।
अपने संबोधन में श्रीमती स्वाती एस. भदौरिया मिशन निदेशक, एन.एच.एम. ने उत्तराखंड के मातृ मृत्यु अनुपात को वर्तमान में 103 से घटाकर 70 के नीचे लाने की राज्य की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने उन राज्यों से सीखने की आवश्यकता पर जोर दिया, जैसे केरल (MMR 19), महाराष्ट्र (33), और तमिलनाडु (54), जिन्होंने SDG लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया।
कार्यशाला में MPCDSR प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक रोडमैप तैयार किया गया, जिसमें सामुदायिक और संस्थान आधारित रिपोर्टिंग और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर जोर दिया गया।
कार्यशाला में ACMO, DPM, DDM मेडिकल अधिकारी, डॉ अंकुर, USIAD SAMWAG JSI और उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला के दौरान साझा किए गए क्रियाशील विचार और सहयोगात्मक भावना राज्य में मातृ, शिशु और बाल स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।