December 12, 2024

आत्मबल के जागरण से ही आध्यात्मिक क्रांति का सूत्रपात होगा- कथा व्यास साध्वी अदिति भारती

देहरादून। ब्रह्म्ज्ञान वह सनातन तकनीक है जिससे मानव के भीतर आत्मबल का जागरण होता है और यह आत्मबल ही आध्यात्मिक क्रांति का सूत्रपात करते हुए परम शांति को स्थापित कर पाता है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का आदर्श वाक्य है- मानव में क्रांति और विश्व में शांति।
सावत्री रूपी उज्जवलता तथा पवित्रता का भाव इसी ब्रह्म्ज्ञान की प्राप्ति के उपरान्त जीव जगत में विद्यमान हो पाता है। धर्म का यह आधार समाज़ को फिर से श्री सपन्न करने की क्षमता रखता है। कथा व्यास साध्वी सुश्री अदिति भारती जी ने अपने षष्टम दिवस के उद्बोधन में ब्रह्म्ज्ञान की सनातन महिमा को रेखांकित करते हुए उपरोक्त विचार प्रकट किए।
आज के कार्यक्रम में दीप प्रज्जवलित कर अपना योगदान देने वालों में श्री योगेश भट्ट, मुख्य सूचना आयुक्त उत्तराखण्ड, श्री राजकुमार पूर्व मंत्री उत्तराखण्ड, श्री लालचंद शर्मा महानगर अध्यक्ष कांग्रेस, श्री नीरज सेठी, एवं श्रीमती श्रद्धा सेठी, (पार्षद) श्री रमेश कुमार मंगू पार्षद एवं श्रीमती कुसुम वर्मा जी पूर्व प्रधान श्री इंद्रपाल सिंह कोहली, श्रीमती सरविन्द्र कोहली, श्रीमती एवं श्री महेश गोयल जी, समाज़सेवी क्लेमेन्टाउन, श्रीमती एवं डॉ. निखिल चंद्रा के साथ-साथ धर्मपुर विधानसभा के अनेक मण्डल अध्यक्ष और मीडिया के अनेक राज्य स्तरीय प्रवक्ता और श्री अवतार मुनियाल अध्यक्ष श्री श्याम सुन्दर मंदिर पटेल नगर अपनी सम्पूर्ण कार्यकारिणी के साथ उपस्थित हुए।
भजनों की अविरल प्रस्तुति देते हुए मंच पर विद्यमान संस्थान के ब्रह्म्ज्ञानी संगीतज्ञों ने अनेक सुमधुर भजनों का गायन करते हुए उपस्थित भक्तजनों को निहाल किया। विशेष रूप से माँ जगदम्बा भवानी की अभिवंदना में गाए गए गढ़वाली भजन को भक्तजनों ने बेहद पसंद किया। इसके अतिरिक्त- एैसा प्यार बहा दे मइया, चरणों से लग जाऊं मैं………, और मुझे अपना दीवाना बना दे, तेरा केड़ा मुल लगदा……., भजन भी सराहे गए।
मंच का संचालन साध्वी विदुषी रूचिका भारती जी के द्वारा किया गया।

अपने विचारों के प्रवाह को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास जी ने बताया कि आज का समुद्र मंथन मनुष्य के भीतर हुआ करता है, इसी मंथन के उपरान्त विश्व का स्वरूप बैकुण्ठ के सदृश्य बन पाएगा। उन्होंने दुर्वासा ऋषि के श्राप से देवराज इंद्र के श्री विहीन हो जाने और स्वर्ग से माता लक्ष्मी के अलोप हो जाने तथा समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी के प्राकट्य के साथ-साथ सावित्री और सत्यवान के विवाह की कथाओं को भी उद्धृत किया।
समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी जी के प्राकट्य की लीला का विश्लेषण करते हुए साध्वी जी ने श्रद्धालुओं के समक्ष अर्थ पुरूषार्थ में धर्म के आधार की अनिवार्यता को रेखांकित किया। समुद्र मंथन के गूढ़ संदर्भ को प्रस्तुत करते हुए कहा कि आध्यात्मिक रूप से समृद्ध व्यक्ति ही आर्थिक और सामाज़िक समृद्धि को स्वतः ही प्राप्त कर लिया करता है। विश्व पटल पर इसे रखते हुए उन्होंने बताया कि संसार में भौतिक उन्नति की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए हर एक तंत्र में बिखराव का यही कारण है कि भौतिक उन्नति का आधार मात्र धन-सम्पदा और संसाधनों को बनाया गया है जबकि यह श्रेष्ठ गुणों से परिपूर्ण आधार ही इसका होना चाहिए।
कथा के मध्य में माता महालक्ष्मी और भगवान विष्णु के विवाह उत्सव का भव्य स्वरूप प्रस्तुत किया गया। भक्तजन अभिभूत होकर इस विवाह प्रसंग में अपनी सुध-बुध खोकर डूब से गए।

आगे कथा व्यास जी ने सावित्री सत्यवान की कथा के माध्यम से समाज़ के मध्य इसका गूढ़ार्थ रखते हुए बताया कि यह मात्र एक आदर्श दाम्पत्य कथा ही नहीं है अपितु ब्रह्म्ज्ञान के आधार पर मानव के भीतर के सावित्री रूपी आत्मबल के जागरण की दिव्य गाथा है। उदाहरण स्वरूप स्वामी विवेकानन्द, योगानन्द परमहंस, प्रह्लाद और महर्षि अरविंद आदि का वर्णन किया गया। साध्वी जी ने कहा कि आज दिव्य गुरू श्री आशुतोष महाराज जी ने भी ब्रह्म्ज्ञान प्रदान कर करोड़ों लोगों के भीतर उस आत्मबल को जागृत किया है जो आज समाज़ को जागृत करने के लिए आगे बढ़ चले हैं।
श्रद्धालुओं को जोर देते हुए साध्वी जी ने कहा कि मानव के भीतर गुणों का प्रकटीकरण और आत्मबल का सृजन करने वाली आध्यात्मिक क्रांति ही विश्व शांति के महान लक्ष्य को सिद्ध करने का परम आधार है।
विदित हो कथा कार्यक्रम का डी-लाइव प्रसारण 12 से 18 अप्रैल सुबह 10 से 01 बजे तथा सांय 07 से 10 बजे तक संस्थान के यूट्यूब चैनल पर भी किया जाएगा।
कार्यक्रम में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के अनेक सामाजिक प्रकल्पों को प्रदर्शित करती हुई सचित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था, जिसमें पर्यावरण रक्षा पर आधारित प्रदर्शनी भक्तजनों के मध्य काफी चर्चा का विषय बनी रही।
रात्रि 08 बजे मंगल आरती के पश्चात प्रसाद का वितरण करके षष्टम दिवस की कथा को विराम दिया गया।

 

 

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सोशल मीडिया वायरल

error: Content is protected !!