नीती घाटी के थाई टॉप से स्की डाउन करने वाले पहले व्यक्ति बने पर्वतारोही लबी बड़वाल,क्षेत्र में खुशी का माहौल
Mountaineer Labi Barwal becomes the first person to ski down from Thai Top of Niti Valley, atmosphere of happiness in the area
प्रदेश में साहासिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लबी बड़वाल ने किया सराहनीय कार्य।
लबी के इस नेक कार्य से नीती घाटी में खुशी की लहर।
पूर्व में देहरादून से नीती घाटी तक साईकिल यात्रा से कर चुके है प्रदेश का नाम रोशन।
चमोली(जोशीमठ)ः नीती घाटी के लाल पर्वतारोही लवी सिंह बड़वाल (अभिषेक बड़वाल) ने नीती घाटी में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपनी जान की परवाह न करते हऐ एक बेहद कठिन कार्य कर डाला। दरअसल पर्वतारोही, लवी सिंह बड़वाल एक कुसल पर्वताराही के साथ-साथ सर्टिफाइड स्कि इंस्ट्रक्टर , ट्रेक लीडर, मार्शल आर्टिस्ट भी है। इन्होंने अपने स्की के सारे कोर्स abvimas मनाली से किए हैं । इस बार इन्होंने उत्तराखंड में विंटर स्पोर्ट्स ( स्की माउंटेनरिंग) को बढ़ावा देने के लिए एक सराहनीय कार्य किया है। लवी ने नीति गांव में थाई टॉप नामक चोटी ( ऊंचाई – 5023 मीटर) से स्की डाउन किया। लबी थाई टॉप से अकेले स्की डाउन करने वाले पहले व्यक्ति हैं।
गौरतलब है कि थाई टॉप की ऊंचाई से वाइब्रेट विलेज ( नीति, गमशाली बुग्याल, बंपा, फार्किया, मलारी) गुप्तखाल ट्रैक का खुबसूरत नजारा देखने को मिलता है । स्की बूट्स और पोल्स के अभाव के बावजूद अपने दोस्तो से मांग कर इस एक्सपीडिशन को पूरा किया।
नीती घाटी में शीतकाल के कारण यहां के गांव जन शुन्य होने के बावजूद भी लवी ने हिम्मत दिखाई और अकेले देहरादून से स्की को स्कूटी में बांध कर नीती घाटी के लिए निकल पडे़। नीती गांव से स्की को कंधे पर उठाकर 6 घंटे का सफर तय करके थाई टॉप ( 5023 मीटर ) पहुंचे। थाई टॉप 9 किलोमीटर की बहुत कठिन खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद वहां से सफलतापूर्वक स्की डाउन किया। थाई टॉप एक प्राकृतिक स्लोप है जो कि इंटरनेशनल लेवल का है। लबी के इस सराहनीय कार्य की सफलता पर पूरी नीती घाटी में खुशी और उत्साह का माहौल है।
आपको बतादे कि लबी 2021 में देहरादून से नीति और माना घाटियों को साइकिल से अकेले तय करने वाले पहले व्यक्ति बने। 2022 में माना पास ( 5632 मीटर), नीति पास (5064 मीटर ) और पार्वती कुंड (4700 मीटर) को साइकिल से अकेले पूरा करने वाले भी पहले व्यक्ति बने है।
लबी बड़वाल का कहना है कि उत्तराखंड में सिर्फ औली ही है जहां इंटरनेशनल स्लोप है। परंतु ग्लोबल वार्मिंग की चलते बीते कई वर्षों में वहां बहुत कम बार बर्फ देखने को मिली है। नीति गांव एक रिमोट एरिया जो की वाइब्रेट विलेज के अंतर्गत आता है और 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जहां लोग वर्ष के सिर्फ 6 महीने ही निवास करते हैं।
कम तापमान ,अधिक बर्फ और कम सुविधाओं के कारण स्थानीय लोगों का यहां जीवन यापन करना बहुत मुश्किल है। लवी ने उत्तराखंड सरकार से अपील की है कि अगर भविष्य में नीति घाटी को स्की डेस्टिनेशन के रूप में बनाया जाए तो उत्तराखंड के टूरिज्म को काफी बढ़ावा मिलेगा जिससे स्थानीय लोगों को लाभ होगा और उन्हें रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।