मुख्यमंत्री धामी ने किया उत्तराखंड के महानायक पुस्तक’’ का विमोचन




मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में ‘‘उत्तराखंड के महानायक पुस्तक’’ का विमोचन किया। यह पुस्तक योगेश कुमार एवं अजित द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक में उत्तराखण्ड के दस महान विभूतियों पंडित बद्री दत्त पाण्डे, गौरा देवी, पंडित गोविन्द बल्लभ पंत, गौरा पंत ‘शिवानी’, कबूतरी देवी, माधो सिंह भण्डारी, शैलेश मटियानी, श्रीदेव सुमन, तीलू रौतेली एवं वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के बारे में जानकारी दी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। ऐसे में उत्तराखण्ड की महान विभूतियों के कार्यों एवं उनके योगदान के बारे में लोगों को जानकारी मिले, इस पुस्तक के माध्यम से सराहनीय प्रयास किया गया है। उत्तराखण्ड की धरती ने कई स्वतंत्रता सेनानियों, देशभक्तों, लेखकों और राजनेताओं को जन्म दिया है। इस पुस्तक में दी गई जानकारी हमारे नायकों के बलिदान और देश के प्रति समर्पण भाव के बारे में लोगों को कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगी।
भगवान महावीर स्वामी एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में भगवान महावीर स्वामी एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह की शिक्षा देने वाले जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर जी द्वारा दी गयी शिक्षा समस्त मानव समाज के कल्याण हेतु सदैव पथ प्रदर्शक का कार्य करती रहेगी। भगवान महावीर अहिंसा और त्याग की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अहिंसा को परम धर्म माना और समाज को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि डॉ. भीमराव बाबा साहेब अंबेडकर एक महान विचारक थे, उन्होंने समाज में सबको समान अधिकार दिलाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने सामाजिक भेदभाव को दूर करने और समानता का सिद्धांत लागू करने के लिए भारतीय संविधान का मार्ग चुना। डॉ. अंबेडकर ने समाज से अश्पृश्यता एवं कुप्रथाओं को मिटाने, समरसता स्थापित करने और पिछड़े तबके को मुख्यधारा में लाने में अहम भूमिका निभाई।