गांवों से नशा मुक्ति में महिलाओं की अहम भूमिका, नशा मुक्ति से होगा समाज का कल्याणःआचार्य वेद प्रकाश भट्ट
चमोलीःजाखनार मंदिर समिति कुंजौं मैकोट द्वारा आयोजित दिव्य श्रीमद् देवी भागवत कथा महायज्ञ के तीसरे दिन का शुभारंभ नित्य पंचाग पूजा,महायज्ञ, के साथ किया गया। तीसरे दिन की कथा के दौरान कथा व्यास आचार्य वेद प्रकाश भट्ट महादेव जी ने महादैत्य मधु कैटभ की कथा,शुकदेव जी के जन्म की कथा समेत अनेक सुन्दर कथाओं का शानदार वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि साक्षत नारायण ही यज्ञ का स्वरूप है। आपकी संगत बताती है कि आप पर भगवान की कृपा है कि नहीं। अगर आपकी संगत अच्छी है तो वह आपके जीवन को सफल बना देती है,और अगर आपकी संगत अच्छी नही है तो व आपके जीवन को नरक बना देती है। मन की पवित्रता भगवान को मिलाने का मार्ग प्रशस्त करती है। भगवान की प्राप्ति सतयुग में हजारों तपस्या के बाद,त्रेता युग में बडे बडे यज्ञ करने के बाद,द्वापर में कृष्ण नाम जपने के बाद व कलयुग में भगवान का नाम सुमिरन व मन की शुद्वता होने पर हो सकती है। हमारे संकल्प कल्याणकारी होने चाहिए,ताकि मानव कल्याण हो सके।
अपने प्रवचनों में आचार्य वेद प्रकाश भट्ट ने कहा कि संस्कारों से पवित्रता आती है। संस्कार का अर्थ शुद्ध होना होता है। जब भी जगदम्बा ने समाज को बदलाना चाहा है,हमारा समाज बदला है। उन्होंने महिला शक्ति से आवाहन किया है कि युवा पीड़ी शराब आदि के नशे से बर्वाद हो रही है। अगर सार्वजनिक कार्यो में महिलायें शराब पर प्रतिबंध लगाये ंतो समाज धीरे धीरे वापस अपने सद्मार्ग पर आ सकता है। और आने वाली नस्लों में सुधार किया जा सकता है। जिससे हमारी नई पीड़ी को नई उर्जा मिलेगी और हम वास्तविक रूप से देवभूमि के निवासी कहलायेंगे। इस दौरान लोकगायक प्रदीप बुटोला द्वारा मां भगवती के अनेक सुन्दर भजन गाये गये जिस पर भक्तों ने जमकर नृत्य किया।
कार्यक्रम के दौरान अध्यापक रघुलाल के द्वारा भण्डारे का आयोजन किया गया। जिसमें महिला मंगलदल की महिलाओं व युवक मंगदल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के दौरान समस्त कुंजौं ग्रामवासी समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहें.
