उचित बाजार के आभाव में लाखों रूपये की कीवी सड़ने के कगार पर,किसान परेसान, अधिकारियों पर लगाये उदासीनता के आरोप


उत्तराखंड राज्य जैविक कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में लगातार प्रगतिशील है। प्रदेश के कई प्रगतिशील किसान अपनी कड़ी मेहनत व लगन से फल व कई प्रकार की जैविक उत्पादों को भारी मात्रा में उत्पादन कर रहे है।लेकिन उचित विपणन केन्द्रों व विभागीय अधिकारियों की हीला हवाली के कारण उनके फल सड़ने की कगार पर पहुंच चुके है।
ताजा मामला चमोली जनपद के दूरस्थ गांव नौली का है जहां प्रगतिशील किसान देवेन्द्र सिंह नेगी की ढाई कुन्तल कीवी खराब होने की कगार पर है।किसान देवेन्द्र नेगी का कहना है कि एक ओर सरकार किसानो को जैविक उत्पाद पैदा करने को वही अब हमारे उत्पादों के लिए कही भी विपणन की व्यवस्था नहीं है।हमारे विकट परिस्थितियों में कठिन मेहनत से फल -शब्जी उगाने का क्या फायदा जब इसके लिए उचित बाजार उपलब्ध नहीं है।
आपको बता दें कि प्रदेश भर में कई किसान अब फल व शब्जियों की पैदावार कर रहे है।लेकिन फल व शब्जियों के उचित दाम व विपणन केन्द्र न होने से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।