भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास काजिंद उत्तराखंड में शुरू
India-Kazakhstan joint military exercise begins in Kazind, Uttarakhand
PRESS INFORMATION BUREAU (DEFENCE WING)
GOVERNMENT OF INDIA
‘हर काम देश के नाम’भारत कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास काजिन्द – 2024 का 08 वां संस्करण आज उत्तराखण्ड में पूरी तरह से विकसित और आधुनिक विदेशी प्रशिक्षण नोड, औली में शुरू हुआ। यह अभ्यास 30 सितम्बर से 13 अक्टूबर 2024 तक आयोजित होने वाला है। संयुक्त अभ्यास के उद्घाटन समारोह में कजाकिस्तान के कर्नल करिबयेव नुरलान सेरिकबायविच कमांडर कजाकिस्तान कान्टीन्जेन्ट और कर्नल योगेश उपाध्याय, कमांडर भारतीय कान्टीन्जेन्ट ने भाग लिया। काजिन्द अभ्यास भारत और कजाकिस्तान में वैकल्पिक रूप से आयोजित एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। अंतिम संस्करण जुलाई 2023 में कजाकिस्तान में आयोजित किया गया था।
120 कर्मियों वाली भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से पाँचवी बटालियन कुमाँऊ रेजिमेंट के अलावा भारतीय वायु सेना तथा सेना के अन्य आर्म्स और सर्विसेज के कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। भारत और कजाकिस्तान के पर्यवेक्षक भी अभ्यास का हिस्सा बनेंगे। 60 कर्मियों वाली कजाकिस्तानी टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से लैण्ड फोर्सेज, एयर डिफेंस फोर्सेज और एयर बोर्न असाल्ट ट्रुपर के कर्मियों द्वारा किया जाएगा।
काजिन्द – 2024 अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय सात के तहत आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। संयुक्त अभ्यास अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में संचालन पर केंद्रित होगा। संयुक्त प्रशिक्षण से प्राप्त किए जाने वाले उद्देश्यों में उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, सामरिक स्तर पर संचालन के लिए अभ्यास और परिष्कृत अभ्यास और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना शामिल है।
अभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक प्रशिक्षण में एक परिभाषित क्षेत्र पर कब्जा करने की आतंकवादी कार्रवाई का जवाब देना, एक संयुक्त कमांड पोस्ट की स्थापना, एक खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, एक हेलीपैड लैंडिंग साइट की सुरक्षा, कॉम्बैट फ्री फॉल शामिल होंगे। स्पेशल हेलिबॉर्न ऑपरेशन, कॉर्डन एण्ड सर्च ऑपरेशन के अलावा ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग भी शामिल है।
काजिन्द – 2024 अभ्यास दोनों पक्षों को संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम करेगा। संयुक्त अभ्यास से दोनों देशों के सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच अंतर-संचालन और सौहार्द विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे रक्षा सहयोग का स्तर भी बढ़ेगा, दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मदद मिलेगी।