December 12, 2024

HNBGU में पर्वतीय किसानों की समस्यायों  व समाधान विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ।

Inauguration of a three-day national seminar on the problems and solutions of hill farmers at HNBGU.

 

ज्ंगली जानवरों के आतंक पर विशेषज्ञों ने स्थाई समाधान निकाले की कही बात।

नगदी फसल व मिलेट्स को बढ़ावा देने के पर विशेषज्ञों ने दिया जोर।

श्रीनगर गढवालः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा चौरास परिसर स्थित स्वामी मनमथन सभागार में तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति प्रो.एम.एस.चौहान व कार्यक्रम की अध्यक्षता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने किया।कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह व अतिथि के रूप में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के मुख्य प्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट रहे ।


संगोष्ठी के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष ग्रामीण प्रोद्योगिकी प्रो० राजेंद्र सिंह नेगी एवं सह संयोंजक डॉ संतोष सिंह ने सभी अतिथियों का स्मृति चिन्ह दे कर स्वागत एवं अभिनंदन किया।मुख्य अतिथि गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ० एम एस चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आयाम है। किसानों को कृषि में विविधता लाने की आवश्यकता है जिसमे बागवानी फसलों के साथ साथ पशुपालन को अपनाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने बद्री गाय की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा की इसका दूध कई स्वास्थ्य वर्धक गुणों से भरपूर होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल अपने संबोधन में कृषि क्षेत्र में आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए वैज्ञानिकों को शोध करने हेतु आवाहन किया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर एसपी सिंह ने एग्रो टूरिज्म और कृषि संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देकर सतत कृषि को अपनाने की बात कही । यह माध्यम न केवल कृषकों की अतिरिक्त आय का बल्कि प्रवास की समस्याओं का भी समाधान हो सकता है। नाबार्ड के मुख्य प्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट ने नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए सतत कृषि प्रणाली का महत्व बताया और नाबार्ड द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों को आत्म निर्भर बनाने के क्षेत्र में किए गए कार्यों की संक्षिप्त जानकारी दी। कार्यक्रम में पंहुचे विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों के द्वारा किसानों की फसलों को पंहुचाये जा रहे नुकसान पर चिन्ता व्यक्त करते हऐ इस समस्या के समाधान के लिए ठोस उपाय किये जाने की बात कही। साथ ही महिलाओं के द्वारा कृषि क्षेत्र में किये जा रहे चुनौती पूर्ण कार्य की सरहना करते हऐ उन्हें उपयुक्त सहायता पंहुचाने की बात कही। इस दौरान वन,कृषि,ग्लेशियर,उद्यानगी के विशेषज्ञों ने कृषि क्षेत्र में आ रही चुनौतीयों व उनके समाधान पर विस्तृत रूप से व्याख्यान दिया।

संगोष्ठी के पहले दिन 200 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया जिसमे विशेषज्ञों के व्याख्यान सम्मलित थे जिसमे उत्तराखंड के परिपेक्ष में कृषि चुनौतियों पर चर्चा की गई। संगोष्ठी में पूर्व अतिरिक्त आयुक्त एवं पूर्व निदेशक उद्यान विभाग, बीर सिंह नेगी, पूर्व सलाहकार नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार विजेंद्र सिंह नेगी एवं प्रो० डी० के० सिंह पंतनगर मौजूद थे।

-BHANU PRAKASH NEGI

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