चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट की सरकार को लताड़



उत्तराखंड में होने वाली विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव स्वास्थ्य सचिव समेत पर्यटन सचिव को अपना विस्तृत जवाब शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। आज सुनवाई के दौरान पर्यटन सचिव के द्वारा एक शपथ पत्र कोर्ट में पेश किया। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए पर्यटन सचिव को फटकार लगाई और पुनः अपना जवाब कोर्ट में पेश करने को कहा है। आतंकवाद के दौरान मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव समेत स्वास्थ्य सचिव पर्यटन सचिव से पूछा है कि उत्तराखंड में होने वाली चार धाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार के द्वारा अब तक क्या तैयारियां की गई हैं। अगर उत्तराखंड में यात्रा शुरू होती है तो कोविड नियमो का पालन कैसे किया जाएगा। राज्य सरकार चार धाम यात्रा करवाना चाहती है तो 21 जून से पहले इस पर नीतिगत निर्णय लें ताकि यात्रा सुचारू रूप चल सके और सरकार के द्वारा चार धाम के तीर्थ पुरोहितों के व्यक्ति नेशन की क्या व्यवस्था की गई है।

वहीं राज्य सरकार के द्वारा मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ को बताया गया कि सरकार के द्वारा उत्तराखंड में 22 जून तक यात्रा को शुरू करने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। जिस पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि अगर सरकार उत्तराखंड में चार धाम यात्रा करवाना चाहती है तो उस पर समय से फैसला लें ताकि यात्रा सुरक्षित व सुचारू रूप से चल सके।