ईको पर्यटन समिति श्री तुंगनाथ चोपता की मनमानी वसूली पर तीसजूला के ग्रामीणों में भारी रोष


चमोली/पोखरीःईको पर्यटन समिति श्री तुंगनाथ चोपता (पटवाड़ा) द्वारा तीसजूला पट्टी के घोडे खच्चर संचालकों से हर साल मनमाने अबैध वसूली का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। जिससे तीसजूला पट्टी के लोगांे में ईको पर्यटन समिति श्री तुंगनाथ चोपता के प्रति भारी रोष व्यप्त हो गया है। इस बाबत तीस जूला पट्टी के जनसमुदाय से जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मयूर दीक्षित ने बैठक कर उप-जिलाधिकारी उखीमठ को जांच के आदेश दिए है। जिस पर कार्यवाही जारी है।
वही तीसजूला महायज्ञ समिति ने चांदनी खाल रडवा गांव में एक मीटिंग के आयोजन के दौरान ईको पर्यटन समिति श्री तुंगनाथ चोपता की मनमानी वसूली का जबरदस्त विरोध करते हऐ इसे अबैध व गैरकानूनी बताया। तीसजूला क्षेत्र के अनेक जनप्रतिधियों ने इस मनमानी बसूली के खिलाफ शासन व प्रसाशन से गुहार लगाई है। यहां के जन प्रतिनिधियों का कहना है कि यदि तीसजूला घोड़ा खच्चर संचालकों के साथ अबैध मनमानी बसूली को नहीं रोकी गया तो वह इसका पूरजोर विरोध करेंगे। और उग्र आंन्दोलन किया जाऐगा जिसकी सभी जिम्मेदारी शासन प्रसाशन की रहेगी। तीसजूला पट्टी के ग्रामीणों व घोडा खच्चर संचालको का यह भी कहना है कि ईको पर्यटन समिति श्री तुंगनाथ चोपता (पटवाड़ा) के रजिस्ट्रेशन नंम्बर पर भी उन्हें सदेश है। जिसका प्रसाशन को तत्काल संज्ञान लेने चाहिए।


क्योंकि भगवान तुगनाथ चन्द्रशिला पट्टी के आराध्य देव है और सम्पूर्ण तीसजूला पट्टी तुगनाथ में हक हकूकधारी है। बिना उनकी सहमति के तुंगनाथ देवता की दिवारा यात्रा महायज्ञ व अन्य देव कार्य नहीं हो सकते है। इस लिए घोडे खच्चरों से व्यवसाय पर भी उनका पूर्ण हक है। इस विषय पर वन विभाग व तुंगनाथ मंदिर समिति मौन है। तीसजूला पट्टी के ग्रामीणों व घोडा खच्चर संचालको का कहना है कि ईको पर्यटन समिति श्री तुंगनाथ चोपता (पटवाड़ा) के रजिस्ट्रेशन नंम्बर पर भी उन्हें सदेश है। जिसका प्रसाशन को तत्काल संज्ञान लेने चाहिए।
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टापको बता दें कि तुंगनाथ तुंगनाथ का मंदिर रूद्रप्रयाग जनपद के अर्न्तगत आता है। जबकि भगवान तंुगनाथ चन्द्रशिला पट्टी के तीसजूला गांवों के आराध्य देव के साथ साथ न्याय के देवता भी माने जाते है। और तीसजूला के ग्रामीणों भगवान तुगनाथ में हक हकूकधारी है। बहरहाल देखने वाली बात यह होगी कि तीसजूला पट्टी के घोड़ा खच्चर संचालकों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार का रूद्रप्रयाग व चमोली का प्रसाशन कब तक समाधान निकाल पाता है।
BHANU PRAKASH NEGI,POKHRI CHAMOLI