December 13, 2024

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरस्कार वितरण के साथ गौचर मेले का हुआ समापन।

Gauchar fair concluded with colorful cultural programs and prize distribution.

फुटबॉल में राजपुर 11 और वॉलीबॉल में देवकोट की टीम रही विजेता।

उद्योग विभाग के स्टॉलों से हुआ 40 लाख के स्थानीय उत्पादों का विपणन।

72वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला-2024 रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरस्कार वितरण के साथ समापन हो गया है। मेले का समापन नेता प्रतिपक्ष के प्रतिनिधि और बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने किया।

मेले में जहां मंच पर विभिन्न सांस्कृतिक दलों की ओर से लोकगीत, नृत्य और अन्य प्रस्तुतियां दी गई। वहीं दूसरी ओर जिला खेल विभाग की ओर से फुटबॉल और वॉलीबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। फुटबॉल प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला राजपुर 11 देहरादून एवं खिर्सू एफसी के बीच खेला गया। जिसमें निर्धारित समय तक दोनों ही टीमों की ओर से 1-1 गोल किया गया। जिसके बाद पेनाल्टी शूटआउट में राजपुर 11 देहरादून ने 4-3 से खिर्सू एफसी को पराजित कर मुकाबला जीता। वहीं वॉलीबाल प्रतियोगिता का अंतिम मुकाबला देवकोट चमोली और ब्रदर्स क्लब गौचर के बीच खेला गया। जिसमें देवकोट की टीम ने ब्रदर्स क्लब को पराजित कर खिताब अपने नाम किया। समापन के मौके पर फुटबॉल की विजेता और उपविजेता टीम को ट्रॉफी के साथ क्रमशः 51 हजार व 41 हजार का नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। साथ ही वॉलीबॉल प्रतियोगिता के विजेता टीमों को ट्रॉफी के साथ ही विजेता टीम को 41 हजार और उपविजेता टीम को 31 हजार का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया।

वहीं मेले में उद्योग विभाग की ओर से स्थानीय उत्पादों के विपणन के लिए 40 स्टॉल लगाए गए थे। जिनमें कालीन, पंखी, स्वेटर, टोपी सहित अन्य ऊनी उत्पादों के साथ ही कृषि और बागवानी के उत्पादों का विपणन किया गया। उद्योग विभाग के महाप्रबंधक बीएस कुंवर ने बताया कि मेले के दौरान विभाग की ओर से लगाए गए स्टॉलों से 42 लाख के स्थानीय उत्पादों का विपणन किया गया है।

मेलाध्यक्ष/जिलाधिकारी संदीप तिवारी और मेलाधिकारी संतोष कुमार पांडेय ने मेले के सफल आयोजन के लिए सबके सहयोग हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया गया। मेलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि गौचर मेले में इस वर्ष उत्तराखंड की लोक संस्कृति के साथ-साथ कई मनमोहक कार्यक्रम हुए। मेले में फन गेम्स एवं विभागीय स्टॉल भी प्रमुख आकर्षण के केन्द्र बने रहे। मेले की सांस्कृतिक संध्याओं पर कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियों से मेले को यादगार बनाया। इस बार मेले में बच्चों, महिलाओं, युवाओं तथा बुर्जुग हर आयु वर्ग को कुछ न कुछ नया सीखने व देखने को मिला। मेलाधिकारी ने मेला समिति की ओर से सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले समय में मेले को और भव्य बनाने का प्रयास किया जाएगा।

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