फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी सभी लोगों को उनकी मानसिक समस्याओं के समाधान के लिए निशुल्क, कार्यशाला, परामर्श और थेरपी दी जाती




तुम लिख कर लाना हर फिक्र एक कोरे कागज़ पर,
फिर हम सिखायेंगे तुम्हें कि कैसे जहाज़ बनाकर उनको उड़ाया जाता है।
इस फलसफे को हकीकत बनाते हुए मानसिक स्वास्थ्य के लिए निरंतर कार्यरत सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और थेरपी शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों और युवाओं ने अपने क्षेत्र की मानसिक समस्याओं का समाधान प्राप्त किया। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य लोगों मे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हुई कलंक और शर्मिंदगी की भावना को समाप्त करके मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी सभी लोगों को उनकी मानसिक समस्याओं के समाधान के लिए निशुल्क, कार्यशाला, परामर्श और थेरपी दी जाती है। संस्था द्वारा अवसाद, तनाव, हताशा, गुस्सा, नकारात्मकता, आत्मविश्वास मे कमी, मानसिक आघात आदि जैसे गम्भीर विकारों से राहत दिलाई गई। संस्था के संस्थापक डॉ. पवन शर्मा और उनकी टीम बड़ी मानव हित की भावना से लोगों को मानसिक विकारों से बचने व समाधान के लिए निरंतर कार्य करती रहती है। इन्होंने बलात्कार, घरेलु हिंसा, छेड़छाड़ आदि से पीड़ित कई महिलाओं को उस दुखदायी ट्रामा से निकाल कर स्वस्थ व सकारात्मक जीवन जीने मे मदद की है। सकारात्मक पेरेंटिग की कार्यशाला द्वारा माँ बाप को बच्चों की मानसिक स्थिति को समझने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
आज फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी के माध्यम से प्रदेश, देश ही नहीं ब्लकि विदेशों में रहने वाले लोग भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए मदद ले रहे हैं।
आज, कोरोना काल और लाॅकडाउन की वज़ह से लगभग प्रत्येक व्यक्ती मानसिक तनाव, हताशा, अवसाद जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। ये समस्याएं हर घर-परिवार का माहौल प्रभावित कर रही है। ऐसे हालातों से बचने के लिए फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी समय समय पर मानसिक स्वास्थ्य के लिए जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है। डॉ पवन शर्मा ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कलंक की दुर्भावना और शर्मिन्दगी को छोड़कर लोगों से अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए आगे बढ़कर पहल करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्तवपूर्ण है, और जिस तरह से हम अपनी शारीरिक स्वास्थ्य के लिए प्रयास करते रहते हैं उसी प्रकार अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए किसी पेशेवर की मदद लेना चाहिए। 14 वर्ष से अधिक का कोई भी व्यक्ती संस्था से निशुल्क परामर्श की सुविधा ले सकता है। परीक्षा के तनाव और डर से बचने के लिए कोई भी शिक्षण संस्थान अपने छात्रों के लिए निःशुल्क कार्यशाला के आयोजन के लिए संस्था से संपर्क कर सकते हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए संस्था के सचिव राहुल भाटिया, उपाध्यक्ष विभा भट्ट, कोषाध्यक्ष भूमिका भट्ट शर्मा, सदस्य एडवोकेट कुलदीप भारद्वाज, पूनम नौडियाल, और प्रियंका ठाकुर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।