बद्रीनाथ में भूकंप,कमेडा में मिनी बस दुर्घटनाग्रस्त


राज्य आपदा परिचालन केंद्र ने मॉक अभ्यास के जरिए आपदा राहत की तैयारियों को परखा।
चमोली प्रशासन के बदरीनाथ, पागलनाला और कमेड़ा में राहत बचाव का किया मॉक अभ्यास।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र देहरादून की ओर से चमोली जिले में मॉक अभ्यास के माध्यम से आपदा राहत की तैयारियों को परखा। इस दौरान जिले के बदरीनाथ धाम में भूकंप, पागलनाला में भूस्खलन और कमेड़ा में वाहन दुर्घटना के राहत कार्यों की तैयारियों की जांच की गई। मॉक अभ्यास के दौरान जिलाधिकारी संदीप तिवारी के साथ ही आईआरएस से जुड़े अधिकारियों ने लाइव स्ट्रीमिंग से आपदा राहत कार्यों की मॉनिटरिंग की।
चमोली के आपदा कंट्रोल रूम को सुबह करीब 10 बजे पर बदरीनाथ धाम में भूकंप आने की सूचना प्राप्त हुई। इस दौरान धाम में दर्शनों के लिए 300 लोगों दर्शन लाइन में लगे होने और 5 लोगों की बदरीनाथ मंदिर के समीप फंसे होने की जानकारी भी दी गई। जिस पर जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला प्रशासन, तहसील प्रशासन एवं बचाव दल ने सक्रिय होते हुए राहत बचाव कार्य शुरु किया। जिसके बाद यहां राहत और बचाव कार्य शुरु किया गया। वहीं अन्य सुरक्षित लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस दौरान धाम में विद्युत सप्लाई बंद कर दी गई। क्योंकि भूकंप के चलते धाम में विद्युत पोल क्षतिग्रस्त होने से करंट फैलने की संभाना बनी हुई थी। मंदिर परिसर में चलाए गए खोज और बचाव अभियान के दौरान 4 लोग घायल व 10 लोग सुरक्षित अवस्था में पाए गए। घायलों को बदरीनाथ मंदिर की सीढ़ियों के पास से आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम ने सुरक्षित निकाला। जबकि 4 घायलों को एम्बुलेंस से सीएचसी बदरीनाथ भेजा गया। जिसके बाद राहत व बचाव दल की ओर से चलाए गए खोज और बचाव अभियान के दौरान तप्तकुंड के एक व्यक्ति क्षतिग्रस्त शेड में फंसा हुआ मिला। जिसके बाद बचाव दल की ओर से कटर की मदद से शेड को काटकर व्यक्ति को सुरक्षित निकालकर सीएचसी बदरीनाथ में भर्ती करवाया गया। धाम में दोपहर तक खोज एवं बचाव अभियान संचालित किया गया। घटना में 10 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। जबकि 5 गंभीर घायलों का उपचार किया गया।


इसके साथ ही बदरीनाथ हाइवे पर पागलनाला भूस्खलन क्षेत्र में राजमार्ग का 50 मीटर हिस्सा मलवा आने से क्षतिग्रस्त होने से हाईवे पर 250 वाहनों की दोनों ओर फंसे होने की सूचना मिली। जिस पर कंट्रोल रुम से मिली जानकारी पर तहसीलदार ज्योतिर्मठ, तहसीलदार चमोली, एनएचआईडीसीएल, पुलिस, डीडीआरएफ, जल संस्थान, पूर्ति विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जहां एनएचआईडीसीएल ने मशीनों को मजदूरों की मदद से जहां हाईवे से मलवा हटाने का कार्य शुरु किया। वहीं पूर्ति विभाग की ओर से हाईवे पर वाहनों में बैठे तीर्थयात्रियों को पेयजल के साथ अन्य आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया गया। वहीं पुलिस विभाग की ओर से यहां शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जवानों की तैनाती की गई।
चमोली आपदा कंट्रोल रुम को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर बदरीनाथ हाईवे पर कमेड़ा में मिनी बस के दुर्घटनाग्रस्त होकर 50 मीटर गहरी खाई में गिरने की सूचना दी गई। कॉलर ने वाहन में 20 से 22 लोगों के होने की सूचना दी। घटना की सूचना मिलने पर उप जिलाधिकारी कर्णप्रयाग, एसडीआरएफ गौचर, आईटीबीपी गौचर, डीडीआरएफ कर्णप्रयाग, मेडिकल टीम, 108 एम्बुलेंस, एनएचआईडीसीएल, परिवहन, पूर्ति विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जहां एसडीआरएफ, आईटीबीपी ने डीडीआरएफ राहत व बचाव अभियान चलाकर वाहन में फंसे 4 लोगों को गंभीर घायल और 18 लोगों सामान्य घायल अवस्था में रेस्क्यू किया गया। जिसके बाद सभी घायलों को एम्बुलेंस के माध्यम से पीएचसी गौचर लाया गया। जहां उपचार के बाद चिकित्सकों की ओर से एक गंभीर घायल को हायर सेंटर रैफर कर दिया गया। जिसके लिए आपदा प्रबंधन की ओर से हैली एंबुलेंस की व्यवस्था न होने पर वायु सेना से घायल को हायर सेंटर ले जाने के का अनुरोध किया गया।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर आयोजित मॉक ड्रिल अभ्यास के जरिए चमोली जनपद में आपातकालीन स्थितियों में आपदा राहत कार्यों की क्षमता और रिस्पांस टाइम का परीक्षण करना है। जिससे किसी भी आपदा की स्थिति में समय से राहत कार्य कर घटना के प्रभाव को कम किया जा सके। बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। तीर्थयात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के सभी इंतजाम पूरे किए गए हैं।
चमोली आयोजित मॉक अभ्यास के दौरान एडीएम विवेक प्रकाश, परियोजना निदेशक आनंद सिंह सहित वर्चुअल माध्यम से आपदा राहत कार्य की मॉनिटरिंग करते रहे। जबकि अभ्यास में जिला प्रशासन के साथ ही पुलिस, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों ने भाग लिया।