जल संस्थान व पीडब्लुडी की लापरवाही से सिनांऊ डांडा पेयजल योजना कई दिनों से छति ग्रस्त,ग्रामीण परेसान

-भानु प्रकाश नेगी,पोखरी
पोखरी सिनाऊ: चमोली जनपद के पोखरी व्लाक का दूरस्त गांव सिनाऊ पल्ला वल्ला में ठंड के मौसम में भी भारी पेयजल समस्या से जूझ रहा है। बीते एक माह से ग्रामीण पेयजल के लिए दर-दर भटक रहे है, लेकिन जल संस्थान पोखरी व पीडब्लुडी इसका संज्ञान नहीं ले रहा है।
दर असल कर्णप्रयाग पोखरी मोटर मार्ग पर लोक निमार्ण विभाग के द्वारा सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रगति पर है। वही लोक निमार्ण विभाग के अधिशासी अभियंता संजय सिन्हा का कहना है कि जल संस्थान ने उनकी अनुमति के बिना सिनाउ गांव की पेयजल लाइन को विछाया है। सड़क चौडीकरण से पहले जल संस्थान को लोक निमार्ण विभाग के द्वारा सूचित किया गया था कि वह अपनी पानी की पाईप लाईन को हटा दें वरना विभाग पानी की पाईप लाईन के छतिग्रस्त होने पर किसी भी तरह से जिम्मेदार नही होगा। जल संस्थान पोखरी के द्वारा पानी की पाईप लाईन न हटाने से अब वह एक किलोमीटर तक बुरी तरह से छतिग्रस्त हो गई है।
वही जल संस्थान के जेई मनमोहन राणा का कहना है कि लोक निमार्ण विभाग ने जल संस्थान विभाग को सड़क चौड़ीकरण होने से पहले सूचित नहीं किया है।उनके पास अभी तक कोई लिखित सूचना नहीं है। सिनाऊ डॉडा पेयजल लाईन को रातों रात पीडब्लुडी विभाग द्वारा छतिग्रस्त किया गया है। अब पीडब्लुडी अगर धन की व्यवस्था करे तो जल संस्थान फिलहाल अस्थाई तौर पर पानी की पाईप लाईन को जोड़ देगा। फिलहाल टैकंरों के माध्यम से पानी सिनाउ गांव में पंहुचा दिया जायेगा।
पानी की किल्लत से परेसान ग्रामीण हरीश रावत ने इस समस्या के लिए सीधे तौर पर पेयजल विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने ने कहा कि बीते एक माह से पानी की किल्लत के कारण ग्रामीणों को पेयजल के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है पशुओं तक के लिए भी पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। विभाग पानी का बिल तो समय पर भेज देता है लेकिन नलों में एक माह से पानी की एक बूंद तक नहीं आ रही है।
पोखरी ब्लाक के सूदूरवर्ती डांडा क्षेत्र से आ रही पेयजल के पाईप लाईन देवर गांव से उड़ामाण्डा धार तक सड़क चौड़ीकरण के कारण बुरी तरह से छतिग्रस्त हो गयी है। पीडब्लुडी व जल संस्थान में सही तालमेल न होने के कारण सिनाऊ गांॅव के ग्रामीण पेयजल के लिए परेसान है। लेकिन पेयजल संस्थान व पीडब्लुडी विभाग ग्रामीणों की इस समस्या के समाधान करने के बजाय एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में व्यस्त है।