देहरादून में पानी के 125 नमूनों में 94% नमूनों की गुणवक्ता सबसे निम्न,दो मंत्रियों के आवास में भी जल पीने योग्य नही



देहरादून:जल को जीवन का आधार माना जाता है लेकिन जब जल की गुणवत्ता खराब ही खराब हो तो यह हमारे जीवन के लिए जहर बन जाता है ।चिकित्सकों के अनुसार 90% शारीरिक बीमारियां जल जनित होती है । वहीं उत्तराखंड में सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाले शहर देहरादून में जल की गुणवत्ता बहुत ही निम्न स्तर की पाई गई है ।जो काफी चिंताजनक है । स्पेक्स के जल प्रहरियों के सहयोग से पिछले दिनों 5 से 8 जुलाई 2021 के अंतराल में देहरादून के आसपास के क्षेत्रों में पेयजल के 125 नमूनों को घर घर से लिया गया ।जिनमें 94% नमूने मानकों के अनुरूप नहीं मिले। देहरादून के पेयजल मैं कहीं क्लोरीन तो कहीं फीकल काॅलीफार्म और कठोरता के कारण पानी पीने योग्य नहीं है।

लापरवाही का आलम यह है की सत्ताधारी पार्टी के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज,गणेश जोशी के आवास पर भी पानी पीने योग्य नहीं पाया गया।
– साल 2019 से देहरादून के पेयजल गुणवत्ता पर कार्य कर रही स्पेक्स द्वारा किया गया जल सर्वेक्षण वाकिह चिन्ता का विषय है। और यह सर्वे साफ तौर पर बताता है कि देहरादून में जल की गुणवत्ता पर जड़ से काम करने की आवश्यकता है। ताकि आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो सके ।

