जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा बैठक लेते हुए दिए निर्देश।
District Magistrate Sandeep Tiwari gave instructions while holding a review meeting of school education.
चमोली :राइका गैरसैंण, भराड़ीसैंण और मेहलचौरी बनेंगे मॉडल स्कूल।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत संचालित आधारभूत संरचना विकास के कार्यो को गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।
विद्यालय भवनों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जीर्णर्शीण विद्यालयों भवनों में किसी भी दशा में कक्षाओं का संचालन न किया जाए। जीर्णशीर्ण विद्यालय भवन व कक्षा कक्षों की मरम्मत हेतु शीघ्र प्रस्ताव उपलब्ध करें। राइका गैरसैंण, मेहलचौरी और भराडीसैंण को आदर्श विद्यालय बनाया जाए। कहा कि इसके लिए अलग से फंड की व्यवस्था की जाएगी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि विद्यालयों मे स्मार्ट क्लास रूम तैयार करते हुए डिजिटल शिक्षा और वर्चुअल क्लास की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। जिन विद्यालयों में बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम सबसे खराब रहा है उनकी सूची उपलब्ध कराते हुए शिक्षा में सुधार के लिए रेगुलर उन विद्यालयों की मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सभी विद्यालयों में नियमित रूप से छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए और ऐसे बच्चे जो किसी बीमारी से ग्रसित है, उनका स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से उपचार कराया जाए। इसका पूरा रिकॉर्ड भी रखे। बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के बारे में आधी अधूरी जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी ने शिक्षा अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ बैठक में उपस्थित रहने की हिदायत भी दी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत शिक्षा, बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग आपसी समन्वय के साथ जनपद के सभी बालिका इंटर कॉलेज में शिविर आयोजित कर बालिकाओं को उनके अधिकार और सुरक्षा के बारे में जानकारी देकर जागरूक करें। बालिकाओं को प्रोटीन और विटाइमिन युक्त खाद्य सामग्री दी जाए। सभी बालिका इंटर कॉलेज में सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाई जाए।
जिलाधिकारी ने जल संस्थान एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद के सभी विद्यालयों में शुद्ध पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालयों में बुनियादी शिक्षा एवं संख्या ज्ञान, मिड-डे-मील, पीएम श्री, समग्र शिक्षा, जिला योजना, राज्य सेक्टर एवं नाबार्ड के अंतर्गत संचालित निर्माण कार्यो की गहनता से समीक्षा की।
प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में 1296 राजकीय विद्यालय, 164 मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय, 37 राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालय और दो समाज कल्याण से मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित है। जिनमें 70244 छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। विद्यालयों में स्वीकृत 2736 पदों के सापेक्ष 561 पद रिक्त है। जिला योजना में विगत तीन वर्षो में स्वीकृत 349 योजनाएं में से 172 पूर्ण हो गई है। समग्र शिक्षा में 43 योजनाओं से 4 पूर्व हो गई है। दैवीय आपदा में 112 में से 56 पूर्ण और 42 प्रगति पर है। जिले में 1078 आंगनबाड़ी केंद्रों मं से 466 विद्यालय परिसर में संचालित है। जनपद के 46 इंटर कॉलेज और 16 हाईस्कूल विद्यालयों में स्मार्ट क्लास तथा 45 विद्यालयों में अभी वर्चुअल लैब स्थापित है।
बैठक में प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी धर्म सिंह रावत, खंड शिक्षा अधिकारी पंकज उप्रेती, समग्र शिक्षा समन्वयक, सभी विकास खंडों से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सहित ग्रामीण निर्माण, जल संस्थान, विद्युत, समाज कल्याण, बाल विकास आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।