March 14, 2025

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में की शिरकत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी वर्चुअल प्रतिभाग किया। केन्द्रीय मंत्री  रवि शंकर प्रसाद ने अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती के अवसर पर स्मारक डाक टिकट का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस अवसर पर ‘‘हरित हरिद्वार योजना’’का शुभारम्भ किया। इसके तहत गंगा के आस-पास के क्षेत्रों को हरा-भरा करने की योजना है। गंगा दशहरा के पावन अवसर पर हरकी पैड़ी से प्रथम चरण में 100 भवनों की छतों को हरा-भरा करने के लिए रूफ टॉप गार्डिनिंग की शुरूआत की गई।

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि शांतिकुंज, पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी की तपस्थली है। शांतिकुंज का सनातन संस्कृति को विस्तार देने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गायत्री परिवार का सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उत्थान में अहम योगदान रहा है। देश-विदेश में फैले करोड़ों गायत्री साधकों के माध्यम से सनानत संस्कृति और आध्यात्मिक परम्परा की ध्वजा को पूरे विश्व में फहराया है। गायत्री परिवार द्वारा विभिन्न प्रकार के आयोजन किये जाते हैं एवं विपदाओं के अवसर पर लोगों की हर संभव सहायता की है। गंगा की स्वच्छा और निर्मलता के लिए भी शांतिकुंज द्वारा लगातार प्रयास किये गये हैं। आपके द्वार पहुंचा हरिद्वार अभियान के अन्तर्गत देश के लगभग 10 लाख लोगों तक पतित पावनी माँ गंगा को पहुंचा रहे हैं। घर-घर यज्ञ, घर-घर संस्कार, घर-घर गंगा तथा घर-घर हरिद्वार के अभियान की जितनी सराहना की जाए कम है।

केन्द्रीय *संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री* श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के बारे में मैंने जितना जानने की कोशिश की है उसका एक ही सार है कि आध्यात्म और विज्ञान के बीच एक सेतु बनना चाहिए। उन्होंने लोगों में आध्यात्मिक चेतना जगाई। भारत का अभीष्ट सिर्फ राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास ही नहीं है, बल्कि भारत की आध्यात्मिक चेतना का विकास भी है। उन्होंने अपना जीवन समाज की भलाई तथा सांस्कृतिक उत्थान के लिए समर्पित कर दी। आज गायत्री परिवार के 5 हजार से अधिक केन्द्र नव चेतना का जागरण कर रहे हैं।

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सोशल मीडिया वायरल

error: Content is protected !!