April 23, 2025

SGHS गोल्डन कार्ड के संबंध में राज्य के विभिन्न वर्गो के कार्मिकों व पेन्सनरो के साथ विभिन्न बिन्दुओ पर बनी सहमति

मा0 स्वास्थय मंत्री जी की अध्यक्षता में राज्य में संचालित State Government Health Scheme (SGHS) गोल्डन कार्ड की विसंगति को दूर किये जाने के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न वर्गो के कार्मिकों एवं पेन्शनरांे के साथ हुई बैठक में कई बिन्दुओं पर बनी सहमति।
दिनांक 02.04.2025 को डा0 धनसिंह रावत, मा0 स्वास्थय मंत्री जी की अध्यक्षता में राज्य स्वास्थय प्राधिकरण के हॉल में गोल्डन कार्ड के सम्बन्ध में एक उच्च स्तरीय बैठक आहूत की गई, जिसमें डा0 आर0राजेश कुमार सचिव, स्वास्थय, रीना जोशी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य स्वास्थय प्राधिकरण अरविन्द सिंह ह्यांकी अध्यक्ष राज्य स्वास्थय प्राधिकरण, सुनिता टम्टा, महानिदेशक,चिकित्सा स्वास्थय विभाग, डा0बी0एस0 टोलिया, निदेशक स्वास्थय प्राधिकरण,डा0 आशुतोष स्याणा निदेशक किचकित्सा स्वास्थय के द्वारा विभागीय पक्ष रखा गया जबकि  सुनील लखेडा,अध्यक्ष एवं राकेश जोशी महासचिव,उत्तराखण्ड सचिवालय संघ के साथ ही राज्य के विभिन्न मान्यता प्राप्त कर्मचारी/शिक्षक के महासंघों/ परिसंघों/शिक्षक संगठन एवं पेन्शनर संघों के प्रतिनिधियोें ने गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर करने हेतु बैठक में अपना पक्ष / सुझाव रखे गये ।
बैठक आरम्भ होते ही सचिवालय संघ के द्वारा तमाम कार्मिकों की भावनाओं के अनुसार बैठक में मा0 स्वास्थय मंत्री जी एवं सचिव स्वास्थय एवं स्वास्थय प्राधिकरण से यह जानना चाहा की अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता में दिनांक 21.10.2024 को आहूत बैठक में राज्य स्वास्थय प्राधिकरण द्वारा संचालित, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन -आरोग्य योजना,अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना एवं राज्य सरकार स्वास्थय योजना की गैप फण्डिग संबंधित प्रकरण पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है, उसकी कार्य योजना से संघ के संयुक्त प्रतिनिधि मण्डल को अवगत कराया जाय ताकि सरकार/शासन की कार्य योजना का गुण-दोष के आधार पर आंकलन किया जा सके, यदि कार्य योजना उचित होगी तो उसका स्वागत होगा यदि उचित नहीं हुई तो उसका विरोध किया जायेगा ओर उसको दूर करने का सुझाव दिया जायेगा।
बैठक को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष राज्य स्वास्थय प्राधिकरण के द्वारा अवगत कराया गया कि अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता में आहूत बैठक के क्रम में राज्य स्वास्थय प्राधिकरण एवं स्वास्थय विभाग के स्तर पर अन्य प्रदेशों से भी जानकारी प्राप्त की गई एवं की जा रही है, तथा ट्रस्ट मोड के स्थान पर इंशोरेन्स मोड पर योजना को लिये जाने के सम्बन्ध में यथा परीक्षण किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में पुनः वित्त विभाग के साथ वार्ता किये जाने का अनुरोध अध्यक्ष स्वास्थय प्राधिकरण के द्वारा किया गया। मा0 स्वास्थय मंत्री जी के द्वारा निर्देश दिये गये कि आगामी 10 दिनों के भीतर वित्त/ स्वास्थ्य सचिवों एवं संघ के प्रतिनिधियों के साथ उनकी अध्यक्षता में एक बैठक आहूत की जायेगी।
बैठक में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के द्वारा एस0जी0एच0एस0 फण्ड का स्टेट्स एल0डी0 डिस्प्ले स्क्रीन पर दिखाते हुए अंशदान की धनराशि को बढाये जाने का सुझाव दिया गया जिसमें अवगत कराया गया कि 2020-21 में रू0 23.25 करोड की धनराशि की प्राप्ति अंशदान के रूप में हुई जिसके सापेक्ष रू0 4.06 करोड़ का व्यय हुआ वर्ष 2021-22 में रू0 125.34 करोड के सापेक्ष रू0 44.55 करोड वर्ष 2022-2023 में रू0 140.05 करोड के सापेक्ष रू0 119.89 करोड़ वर्ष 2023-24 में रू0 109.85 करोड़ के सापेक्ष रू0 216.80 करोड तथा वर्ष 2024-25 में रू0 490.29 करोड के सापेक्ष रू0 555.24 करोड का व्यय किया गया।
सचिवालय संघ एवं तमाम संघों के द्वारा अंशदान की धनराशि को बढाये जाने का कड़ा विरोध किया गया। सचिवालय संघ के अध्यक्ष/महासचिव के द्वारा कहा गया कि कोई भी सरकार सामाजिक सुरक्षा की भावना के अनुसार कार्य करती है पूर्व में राज्य सरकार अपने कार्मिकों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के अन्तर्गत शत प्रतिशत धनराशि प्रदान करती थी। कोई भी सरकार एक पिता की भूमिका में रहने के कारण आम नागरिकों के साथ ही कार्मिकों को शिक्षा, स्वास्थय, खेल,आपदा जैसे विषयों पर राजस्व प्राप्ति के सम्बन्ध में नहीं सोच सकती है, तथा ना ही सोचना चाहिए राजस्व प्राप्ति के लिये अन्य विषय एवं विभाग सरकार के पास संरक्षित है। उन्होने मा0 मंत्री जी को अवगत कराया गया कि जो आंकडे प्राधिकरण के द्वारा दिये गये है उनसे स्पष्ट है कि वर्ष 2020 से वर्ष 2022-23 तक अंशदान के रूप में प्राप्त धनराशि के सापेक्ष व्यय का प्रतिशत बहुत ही कम है, किन्तु वर्ष 2023-24 से 2024-25 में यह आंकडा गलत नीतियों के कारण बढा है जिसमें संबधित अस्पताल अपनी मनमर्जी से बिल पारण की कार्यवाही सीधे कर रहे है शासनादेश दिनांक 31 मार्च,2023 के द्वारा दवा एवं ईलाज की प्रतिपूर्ति करने हेतु एकाधिकार अस्पतालों को दिये जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
महासचिव सचिवालय संघ राकेश जोशी के द्वारा आंकडे प्रस्तुत किये गये जिसमें अवगत कराया गया कि वर्तमान में शासन के द्वारा अन्य राज्यों में इस योजना के क्या प्राविधान है उसके परीक्षण के उपरान्त यह स्पष्ट करना है कि उत्तराखण्ड राज्य की भॉति ट्रस्ट मोड पर गुजरात राज्य में रू0 3814 करोड़, हिमाचल में रू0 460 करोड़ एवं राजस्थान में रू0 2716 करोड़ का बजट प्राविधान संबधित राज्य सरकारों के द्वारा अपने पेन्शनर एवं कार्मिकों के स्वास्थय लाभ हेतु किया गया है, जबकि उत्तराखण्ड राज्य के द्वारा 600 करोड़ का बजट प्राविधान किया गया है, और अंशदान के रूप में राज्य सरकार को लगभग 500 करोड़ की प्राप्ति हो रही इंशोरेन्स मोड पर योजना को लाने हेतु सरकार को लगभग 600 करोड़ का भुगतान करना ही पडेगा । इंशोरेन्स मोड पर वर्तमान में केवल दादर नगर हवेली जिसमें केवल एक अस्पताल संचालित है, के अतिरिक्त जम्मु कशमीर,लक्षद्वीप, मेघालय ओर राजस्थान राज्य है। इस सम्बन्ध में अस्पतालों की मनमर्जी पर रोक लगाई जाये, आवश्यकता के अनुसार ही मरीज को अस्पताल में रखा जाये प्रायः देखा जा रहा है कि मरीजो को संबधित अस्पताल अनावश्यक रूप से 5 से 6 दिनों तक रखते है,अतः यदि मरीज एक दिन में स्वस्थ हो गया है तो उसे तत्काल डिस्चार्ज कर दिया जाय। भर्ती मरीज के डिस्चार्ज होने पर संबधित अस्पताल उसके ईलाज पर हुए व्यय की धनराशि उसको हस्तगत कराये जो उसके ऑफिस रिकार्ड में भी संचालित हो ।
दोनो पक्षों को सुनने के उपरान्त मा0 मंत्री जी द्वारा इस बात को स्वीकार किया गया कि राज्य सरकार के द्वारा स्वास्थय सेवाओं पर लगभग 1.00 लाख करोड़ की धनराशि का बजट प्राविधान करती है। सरकार के द्वारा सभी लोगों को अच्छे स्वास्थय की सुविधा प्रदान की जायेगी ओर आवश्यकता पड़ी तो रू0 1.00 लाख करोड के बजट प्राविधान में से गैपिंग फण्ड तक की बजट व्यवस्था गोल्डन कार्ड हेतु आवश्यकतानुसार की जायेगी।
उक्त के अतिरिक्त अस्पतालों की मनमर्जी रोकने से संबंधित जो मांग संघ के द्वारा उठाई गयी है, इस सम्बन्ध में संबधित अस्पतालों को भी यथा दिशा-निर्देश जारी किये जाने के आदेश पारित करने का मा0 स्वास्थय मंत्री जी के द्वारा स्वास्थय प्राधिकरण को निर्देश दिये गये।
1- बैठक में सर्वसम्मति से राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना से आच्छादित सभी कार्मिकों/शिक्षकों एवं पेन्शनरों को सुविधा प्रदान किये जाने के उदेश्य से समस्त अस्पातलों में गोल्डन कार्ड धारकों हेतु पृथक से रजिस्ट्रेशन काउन्टर खोलने की व्यवस्था, भर्ती का प्राविधान सरलीकरण करने, एवं भर्ती होने वाले मरीजों के लिए कक्षों की शासनादेश के अनुसार अनुमन्यता ,ऑन लाईन कक्षों की रिक्त होने की सूचना के सम्बन्ध में राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना का एक ऐप तैयार कर उसे सार्वजनिक किया जायेगा जिसमें नामित अस्पताल, संबधित अस्पताल में विषय विशेष चिकित्सकों का विवरण,अस्पताल में उपलब्ध बैड का स्पष्ट विवरण अंकित किया जाये, ऐप में सभी प्रकार की सूचना का समावेश होगा।
तथा इस योजना को अटल आयुष्मान योजना से पृथक किये जाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया ।
2- बैठक में संघ के प्रतिनिधि मण्डल के द्वारा अवगत कराया गया कि चिकित्सा स्वास्थ्य के शासनादेश सं0-1256 दिनांक 25 नवम्बर,2021 के बिन्दु सं0-19 में ओ0पीडी0 चिकित्सा में सुविधा प्रदान करने हेतु डॉयग्नोस्टिक सेन्टर एवं औषधालय भी पंजीकृत किये जाने का प्राविधान किया गया है, किन्तु आतिथि तक उक्त शासनादेश का अनुपालन नहीं किया गया है।
बैठक में उक्त के सम्बन्ध में सर्वसम्मति यह निर्णय लिया गया कि शासनादेश दिनांक 25 नवम्बर,2021 के बिन्दु सं0-19 पर तत्काल कार्यवाही करते हुए योजना में ओ0पी0डी0 सुविधा में चिकित्सालयों की भॉति ही चंजीवसवहल संइेएक्पहदवेजपब संइे – ब्ीमउपेज को भी म्उचंदमससमक किये जाने की तत्काल कार्यवाही कर दी जायेगी इस हेतु यथा शीघ्र शासनादेश जारी किये जाने के निर्देश मा0 स्वास्थय मंत्री जी के द्वारा स्वास्थय सचिव को दिये गये।
3- संघ के द्वारा बैठक में नियमों में सरलीकरण करते हुए छोटे चिकित्सालयों को भी यथाशीघ्र पैनल में लिये जाने का अनुरोध किया गया इस सम्बन्ध में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के द्वारा रीना जोशी के द्वारा अवगत कराया गया कि जो भी अस्पताल इच्छुक है उन्हे मौका दिया जाता है। इस सम्बन्ध मे मा0 स्वास्थय मंत्री जी के द्वारा छोटे अस्पतालों की प्राथमिकता के आधार पर पैनल में शामिल किये जाने हेतु सचिव स्वास्थय को कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये।
4- संघ के प्रतिनिधि मण्डल के द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड राज्य एक पर्वतीय राज्य है, ओर अधिकांश कार्मिक/ पेन्शनर राज्य के दुर्गम संस्थानों में कार्यरत रहने के कारण राज्य के हर कस्बे,नगर ओर महानगरों में एस0जी0एच0एस0 के अन्तर्गत वैलनेस सेन्टर खोले जाये। डा0 बी0एस0 टोलिया निदेशक स्वास्थय प्राधिकरण के द्वारा अवगत कराया गया कि यह सुविधा प्राप्त है, इसमें ओर वृद्वि कर दी जायेगी।
संघ के द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के निवासियों एवं कार्मिकों/पेंशनरों हेतु एम्स अस्पताल ऋषिकेश में एक अलग काउन्टर खोले जाने का अनुरोध किया गया। मा0 स्वास्थय मंत्री जी के द्वारा इस सम्बन्ध में निदेशक एम्स के साथ वार्ता कर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।
5- गोल्डन कार्ड लाभार्थियों को वर्ष में एक बार प्रिवेंटिव हैल्थ चैकअप (सम्पर्ण स्वास्थय जॉच) की सुविधा अनुमन्य कराये जाने की मॉग को बैठक में स्वीकार किया गया ।
6- संघ के द्वारा अवगत कराया गया कि पर्वतीय क्षेत्रों में जहॉ ब्लाक या तहसील स्तर पर समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है, ओर कार्मिकों को तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता पडती है, वहॉ पर विश्व बैक वित्त पोषित उत्तराखण्ड हैल्थ स्कीम डवलपमेन्ट प्रोजेक्ट के अर्न्तगत टेली मेंडिकल सेवा से जोड कर स्वास्थ्य लाभ की तात्कालिक सुविधा उपलब्ध कराई जाय। पर्वतीय क्षेत्र मेें समुचित स्वास्थ्य लाभ प्रदान किये जाने हेतु ब्लाक स्तर,जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर एक शिकायत निवारण समिति का तत्काल गठन किया जाय। महानिदेशक चिकित्सा श्रीमती सुनिता टम्टा के द्वारा आश्वासन दिया गया कि टेली मेडिशन सेवा को पुनः15 दिन के उपरान्त स्थापित किये जाने की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जायेगी।
7- नैत्र रोग,दंत रोग एवं हृदय रोगो में क्रमशः लैंस, दंत को म्उचंदमससमक किये जाने एवं नैत्र लेंस,पैसमेकर,हृदय स्टंट आदि उपकरण उच्च स्तरीय न होकर साधारण स्तर के लगाये जाते हैं अतः इस हेतु एक उच्च कोटी केे संयत्र लगाये जाने हेतु समस्त अस्पतालों को आदेश जारी किये जायंे, यह भी शिकायत आ रही है कि नेत्र/हृदय चिकित्सालय हेतु जो अस्पताल पैनल में संबधित चिकित्सा अधिकारी के नाम /ख्याति के कारण नामित कराये गये है उनसे ईतर जाकर जुनियर डा0 आपरेशन कर रहे है, जिसके कारण कई केश खराब हो रहे है। अतः इस पर भी कार्यवाही की जाय। इस बिन्दु पर समस्त पैनल में स्थापित अस्पतालों को दिशा निर्देश जारी किये जाने के आदेश मा0 स्वास्थय मंत्री जी द्वारा स्वास्थय प्राधिकरण को दिये गये ।
8- राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में अविवाहित अथवा माता-पिता पर आश्रित बच्चों को भी आयु सीमा में छूट प्रदान करते हुए गम्भीर एवं असाध्य रोगों हेतु जिस प्रकार से शासनादेश सं0-252523 दिनांक 08 नवम्बर,2024 के द्वारा अखिल भारतीय सेवाओं के सेवारत/सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं उनके आश्रितों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबधी प्रकरणों का निस्तारण हेतु मानक संचालित किये गये है, उसी प्रकार से राज्य के कार्मिकों/शिक्षकों /पेन्शनरों के आश्रितों हेतु असाध्य एवं गम्भीर रोगों हेतु मानकों में शिथिलता प्रदान करते हुए आयु सीमा में छूट प्रदान किया जाय।
इस बिन्दु पर अध्यक्ष राज्य स्वास्थय प्राधिकरण के द्वारा इस मॉग का पूर्ण समर्थन किया गया। तत्पशचात यह निर्णय लिया गया कि जब तक सेवायोजित/ पेन्शन धारी कार्मिक के बच्चे पिता/ माता पर आश्रित है, तथा उन्हे रोजगार प्राप्त नही हो पाता तब तक उनको इस योजना का लाभ प्राप्त होगा। मा. स्वास्थय मंत्री जी के द्वारा 25 वर्ष की आयु सीमा की बाध्यता को समाप्त करते हुए स्वास्थय विभाग को इसका शासनादेश जारी किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
10- उत्तराखण्ड राज्य के लगभग 30,000 गोल्डन कार्ड धारी पेन्शनर जो पूर्व में इस योजना से अलग हो गये थे को पुनः उनकी सहमति के आलोक में योजना से जोडा जाय। इस मॉग पर सहमति व्यक्त करते हुए सभी पेन्शनरों को इस योजना से जुडने हेतु एक विकल्प दिये जाने पर सहमति बनी।
12- प्रदेश के ऐसे चिकित्सालय जो कि पैनल में सम्मिलित किये गये है,ऐसे चिकित्यालयो में जिन रोगों की सुविधा उपलब्ध है। उन सभी रोगों के उपचार की सुविधा कार्मिकों को अनुमन्य किये जाने की व्यवस्था की जायें प्रायः यह देखा जा रहा है कि चिकित्सालयों के द्वारा यह कहकर उपचार नहीं किया जाता है कि यह रोग पैनल में नहीं है।
इस हेतु राज्य सरकार नीति निर्धारित करते हुए राज्य के उच्च स्तरीय चिकित्सालयों को पैनल में सभी रोगों को एक साथ संबधित चिकित्सालय में शामिल करने की बाध्यता सुनिश्चित करें। अध्यक्ष राज्य स्वास्थय प्राधिकरण के द्वारा अवगत कराया गया कि यह सुविधा दी जा रही है, पुनः इस सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी कर दिये जायेगे।
आज बैठक में सचिवालय संघ के अध्यक्ष श्री सुनील लखेडा,महासचिव राकेश जोशी सलाहकार अनिल उनियाल के साथ ही  पंचम सिंह विष्ट, प्रदेश संरक्षक अशोक राज उनियाल, प्रदेश महामंत्री, उत्तराखण्ड पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, पूर्णानन्द नौटियाल, प्रान्तीय अध्यक्ष, मुकेश बहुगुणा, प्रा0 महामंत्री मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन। ई0एस0एस0चौहान,अध्यक्ष,उत्तराखण्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ। आर0एस0 परिहार,संरक्षक-  वीरेन्द्र सिंह कृषाली,प्रदेश अध्यक्ष, रमेन्द्र सिंह पुण्डीर, महासचिव  चन्द्र प्रकाश,सचिव सेवानिवृत्त राजकीय पेन्शनर संगठन श्री दीप चन्द्र शर्मा, सचिव ,बलीराम चौहान महासचिव,गर्वमेन्ट पेन्शनर्स वैल्फेयर आर्गेन्इजेशन, दे0दून,  एन0 पी0भट्ट महासचिव, रा0पेन्शन परिषद ई0पी0एस0 रावत, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड पेयजल पेन्शनर्स एसो0, ई0 प्रदीप कुमार शुक्ला, महासचिव  पी0एस0 रावत, अध्यक्ष,उत्तराखण्ड पेयजल पेन्शनर्स एसोसियेशन, ई0 बी0एन0 गोदियाल, अध्यक्ष ,राजकीय पेन्शनर्स परिषद। आदि

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