चोपता तुंगनाथ 8 जुलाई से अनिश्चितकालीन के लिए बंद।




रूद्रप्रयाग:उत्तराखंड के मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले चोपता में आजकल वन विभाग और स्थानीय व्यापारियों के बीच में विवाद तेजी के साथ गहराता जा रहा है। व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेंद्र मैठाणी , टैक्सी यूनियन व घोड़े खच्चर यूनियन व चंद्रशिला घाटी के जनप्रतिनिधियो द्वारा वन विभाग पर लंबे समय से अवैध वसूली व
बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया है। हक हककधारियों का कहना है कि बदले की भावना के तहत वन विभाग ने चोपता के सभी व्यापारियों के भवनों को ध्वस्तीकरण के आदेश दिए हैं।
जो हमारे हक हकूकधारीयों के अधिकारों का हनन है। जबकि
कई पीढ़ियों से हम यहां पर व्यवसाय कर रहे हैं।

ऐसे में लंबे समय से शौचालय व कूड़ादान ,बिजली सहित कई मांगे हमारी आज तक तक पूरी नही हुई।जबकि सुविधाओं के नाम पर चोपता वन विभाग की अबैध वसूली है।
वही 8 जुलाई से सभी स्थानीय लोगो ने सम्पूर्ण बाजार बंद का आव्हान किया गया है।जिसमे चोपता तुंगनाथ व मक्कू बैंड तक सभी दुकाने अनिश्चित कालीन समय तक बन्द रहेगी।
वही घोड़े व गाड़ियों के पहिये 8 जुलाई से बन्द हो जायेगें।
ऐसे में यात्रियों और प्रशासन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
अब देखने वाली ये बात होगी आखिर पर्यटन से रोजगार देने के लाख दावे करने वाली सरकार इस मामले पर क्या कारवाई करती है।और आखिर कब चोपता में मूलभूत सुविधाओ का निदान होगा ,और कब तक अनिश्चित कालीन हड़ताल चलेगी।

