धौली नदी का बढ़ा जलस्तर, रैणी गांव में भय का माहौल
सोनू उनियाल जोशीमठ। इस साल कुदरत ने देव भूमि पर जमकर अपना कहर बरपाया था। जिस कारण सात फरवरी को सीमांत प्रखंड जोशीमठ स्थित रैणी गांव में धौली नदी उफान पर आ गई थी जिससे नदी के अचानक उफान पर आ जाने से जानमाल का काफी नुकसान भी हुआ था। जल विद्युत परियोजनाएं भी इस आपदा की भेट चढ गई थी । सात फरवरी को आई इस भीषण आपदा के घाव अभी भी पूरी तरह भर नहीं पाए हैं। आपदा में कई लोगों के ठिकाने धरा शाही हो गए थे । और कई लोगों के मिनख इस आपदा के मलबे में दबकर रह गए हैं। जिनका आज भी कोई पता नहीं लग पाया है। और ना ही इस आपदा के आने के कारण का कोई पुख्ता पता लगा सका है। हालांकि अलग-अलग पर्यावरण विदों और भूगर्भीय वैज्ञानिकों की टीमों द्वारा इस आपदा के अलग-अलग कारण भी बताए गए भूगर्भीय वैज्ञानिकों की बड़ी-बड़ी टीमों ने आपदा स्थल का दौरा भी किया पर किसी तथ्यात्मक अंत तक पहुंचना संभव नहीं हो पाया है । और दूसरी ओर ग्रामीणों में एक बार फिर भय का माहौल बन रहा है ग्रामीणों का कहना है कि नदी का जलस्तर एक बार फिर उफान पर है जिस वजह से मकानों पर दरार और रास्ते धस रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन पर भी सुध न लेने का आरोप लगाया ग्रामीणों का कहना है कि उनके द्वारा कई बार इस विषय पर प्रशासन को लिखित रूप में अवगत कराया गया है पर प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई ग्रामीणों को डर है कि जलस्तर बढ़ने से कोई अनहोनी ना हो जाए।
क्या कहते है स्थानीय ग्रामीण
स्थानीय ग्रामीण सोबन सिंह बताते है कि सात फरवरी को आई भीषण आपदा का डर अभी तक लोगो के जहान मै है।आपदा के जख्म अभी तक नहीं भर पाए है। ओर इन दिनों लगातार बारिश के चलते नदी उफान पर बह रही है।जिससे ग्रामीणों मै भय बना हुआ है।
स्थानीय ग्रामीण लक्ष्मण सिंह बुटोला बताते है कि नदी के जल स्तर के बढ़ने से लोगो मै बार बार फिर सात फरवरी की याद दिला देती है। इस भीषण आपदा मै कई लोगो ने अपनो को खोया है।कई मकानों मै दरार भी आई है।लेकिन आज तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी ग्रामीणों की सुध लेने नहीं पहुंचा। आज भी रैणी गांव के ग्रामीण डर के साए भी जीने को मजबुर है।