January 19, 2025

बद्रीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने किया माता अनसूया मेले का शुभारंभ

 

Badrinath MLA Lakhpat Butola inaugurated Mata Anasuya fair

 

 

चमोली :
सती शिरोमणि माता अनसूया दो दिवसीय मेला विधि विधान व पूजा-पाठ के साथ   शुरू हो गया। बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने अनसूया मेले का शुभारंभ किया। दत्तात्रेय जयंती के अवसर पर क्षेत्र की देवी डोलियां सती मां अनसूया के दरवार पहुॅची। मां अनसूया मंदिर में दत्तात्रेय जयंती पर सम्पूर्ण भारत से हर वर्ष निसंतान दंपत्ति और भक्तजन अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए पहुॅचते है।
जिला प्रशासन ने मेले के दौरान पूरे पैदल मार्ग पर सुरक्षा के साथ अन्य आवश्यक इंतेजाम किए है।

विदित है कि पौराणिक काल से दत्तात्रेय जयंती पर यहां हर वर्ष सती माता अनसूया मेला लगता है। मां अनुसूया मेले में निसंतान दंपत्ति और भक्तजन अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए पहुचते है। मान्यता है कि मां के दर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। मां सबकी झोली भरती है। इसलिए निसंतान दंपत्ति पूरी रात जागकर मां की पूजा अर्चना कर करते है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में जप और यज्ञ करने वालों को संतान की प्राप्ति होती है। इसी मान्यताओं के अनुसार, इसी स्थान पर माता अनुसूया ने अपने तप के बल पर त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और शंकर) को शिशु रूप में परिवर्तित कर पालने में खेलने पर मजबूर कर दिया था। बाद में काफी तपस्या के बाद त्रिदेवों को पुनः उनका रूप प्रदान किया और फिर यहीं तीन मुख वाले दत्तात्रेय का जन्म हुआ। इसी के बाद से यहां संतान की कामना को लेकर लोग आते हैं। यहां दत्तात्रेय मंदिर की स्थापना भी की गई है। बताते है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने मां अनुसूया के सतीत्व की परीक्षा लेनी चाही थी, तब उन्होंने तीनों को शिशु बना दिया। यही त्रिरूप दत्तात्रेय भगवान बने। उनकी जयंती पर यहां मेला और पूजा अर्चना होती है।

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