समाजसेवा की मिसाल बनी अरूणा नेगी,जरूरतमंदों की बनी मशीहा





रूद्रप्रयागःमन में अगर कुछ खास करने की दृड़ ईच्छा हो तो बड़ी बड़ी अड़चनें भी मंजिल तक पंहुचने में बाधक नहीं बनती। इस बात को चरित्रार्थ करती रूद्रप्रयाग जनपद के सौराखाल जखोली व्लाक भरदार पट्टी निवासी अरूणा नेगी। 2015 में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना (ILPS) ग्रुप से जुड़ने के बाद 2016 में घंडियाल देवता आजीविका स्वायत्त सहकारिता समूह का गठन किया गया। 10 ग्राम सभाओं की 430 महिलाओं के ग्रुप की अध्यक्ष अरूणा नेगी ने कोरोना काल में समाजसेवा का बीड़ा उठाया।
कोरोना काल में हंस फाउंडेशन,हिमालयन इस्टीट्यूट देहरादून,हिल मेल फाउंडेसन,देवभूमि समूण फाउंडेशन आदि की मदद से जखोली व्लाक के 10 गांवों में मास्क,सेनिटाइजर,ऑक्सोमीटर आदि का वितरण किया गया। साथ ही स्कूली बच्चों को निःशुल्क शिक्षा कोरोना काल के दौरान घंडियाल देवता आजीविका स्वायत्त सहकारिता समूह की अध्यक्ष अरूणा नेगी के द्वारा दिया गया,स्कूली बच्चों को स्टेस्नरी की बस्तुयें ईनाम में वितरित की गई।
बीते 6 माह से अरूणा नेगी देहरादून स्थित गोद फाउंडेसन सोसायटी से जुड़ी है। इस फाउंडेसन की ओर से गरीब व जरूरतमंद बच्चों को अभी तक तीन बार कपडे़,जूते,शौल,हुड दिये गये। जिसे अरूणा नेगी के द्वारा भरदार पट्टी के 10 गांवों में घंडियाल देवता आजीविका स्वायत्त सहकारिता समूह की महिलाओं के साथ जरूरतमंद लोगों में वितरित किया गया।
महिला सशक्तीकरण की मिशाल बन चुकी अरूणा नेगी उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है,जो हमेसा कुछ करने के बजाय काम करने वालों की आलोचना में लगे रहते है। पलायन की मार झेल रहे उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में अरूणा नेगी जैसी सशक्त व दमदार महिलाओं की आवश्यकता है। जो विकट स्थिति में भी डटे रह कर पहाड़ के गरीब व जरूरतमंदों की मदद अनेक संस्थाओं के माध्यम से कर सके।

