चारधाम कपाट बंद होने के बाद उत्तराखण्ड के सिद्धपीठों और पर्यटन स्थलों पर बढ़ी रौनक
देश-दुनिया में तीर्थाटन और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध उत्तराखण्ड में चारधामों के कपाट शीतकाल में बंद होने के बाद अब राज्य सरकार शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है। चारधाम यात्रा मार्गों के समीप स्थित सिद्धपीठों और पर्यटन स्थलों को शीतकालीन यात्रा के रूप में विकसित करने के लिए सरकार द्वारा प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि यात्रियों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
चमोली जनपद में शीतकालीन यात्रा को लेकर जिला प्रशासन ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। जिलाधिकारी चमोली गौरव कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शीतकालीन यात्रा के प्रचार-प्रसार के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु चमोली जनपद के पांडुकेश्वर, जोशीमठ सहित अन्य धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे हैं।
वहीं शीतकालीन यात्रा मार्ग पर गौचर, कर्णप्रयाग सहित अनेक स्थानों पर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की आवाजाही लगातार बढ़ रही है। कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल का कहना है कि शीतकाल में भी इस क्षेत्र में धार्मिक और पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। गौचर से लेकर कर्णप्रयाग तक कर्णमंदिर, उमा देवी मंदिर, रघुनाथ मंदिर के साथ-साथ बेनीताल, धनपुर की तांबे की खान जैसे कई दर्शनीय स्थल हैं, जहां पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था का आनंद ले रहे हैं।
शीतकालीन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए नगर पालिकाओं और नगर निगमों को समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। कर्णप्रयाग नगर पालिका अध्यक्ष गणेश शाह का कहना है कि नगर क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक यहां के स्वच्छ एवं शांत वातावरण का आनंद ले सकते हैं। नगर पालिका की ओर से सैलानियों को हरसंभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
