आस्था: बैकुंठ चतुर्दशी पर इस मंदिर में संतान प्राप्ति का क्यों है विशेष महत्व, जानिए



पौड़ी। श्रीनगर के कमलेश्वर मंदिर में बैकुंठ चतुर्दशी पर संतान प्राप्ति के लिए दीया अनुष्ठान का विशेष महत्व है। देर सायं गोधूलि बेला पर निसंतान दंपति रातभर हाथ में जलता दीया लेकर खड़ा रहते है। और भगवान शिव (कमलेश्वर) से संतान प्राप्ति की पूजा करते हैं।
वहीं इस साल कमलेश्वर मंदिर में 147 दंपती अनुष्ठान में शामिल हुए। जबकि अनुष्ठान के लिए 185 दंपतियों ने पंजीकरण कराया था।

गोधुलि वेला कमलेश्वर मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने दीपक जलाकर खड़ा दीया अनुष्ठान का शुभारंभ किया। महिलाओं के कमर में एक कपड़े में जुड़वा नींबू, श्रीफल, पंचमेवा एवं चावल की पोटली बांधी गई। तत्पश्चात महंत ने सभी दंपतियों के हाथ में दीपक रखते हुए पूजा अर्चना की।
बता दें कि अनुष्ठान में शामिल होने के लिए उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश व गुजरात आदि राज्यों से दंपती पहुंचे हैं।