आपदा के आठ सालों में केदारनाथ की बदल चुकी तस्वीर
केदारनाथ आपदा को आज पूरे आठ साल पूरे हो गए हैं। इस प्रलयकारी आपदा में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई और लाखों लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा था। प्रलयकारी आपदा ने केदारनाथ से लेकर रुद्रप्रयाग तक भारी तांडव मचाया। आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 4400 बताया गया है, लेकिन लोगों की माने तो दस हजार से ज्यादा लोग इस आपदा में कालकलवित हो गए। इन आठ सालों में केदारनाथ की तस्वीर भी काफी बदल चुकी है। और लोग उस भयानक मंजर को भूलाकर अपने काम-काज में लगे हुए हैं। वहीं केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य भी जोरों से चल रहे हैं। अब केदारपुरी आपदा की दृष्टि से काफी सुरक्षित हो गई है। धाम के चारों ओर आपदा के बाद थ्री लियर प्रोटेक्शन दीवार का निर्माण किया गया है। हालांकि कोरोना काल में यात्रियों के दर्शन पर रोक लगी हुई है। लेकिन कोरोना से पहले केदारनाथ यात्रा ने नई ऊंचाईयों को छुआ है।
आपदा के बाद शुरूआत के दो वर्षो में जरूर यात्रियों की संख्या कमी रही, लेकिन इसके बाद यात्रा ने सभी नए और पुराने रिकार्ड तोड़ दिए। पहली बार साल 2019 में दस लाख से अधिक यात्री दर्शनों को आए, यात्रा से जुड़े हजारों व्यापारी अच्छी आमदनी कर अपनी आजीविका चलाई। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत होने वाले कार्य भी अब अंतिम चरण में हैं। कुल मिलाकर देखा जाय तो आपदा के बाद केदारनाथ में बहुत से कार्य हुए हैं, लेकिन केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुण्ड में आपदा के बाद सिर्फ सुरक्षा निर्माण कार्य के अलावा कुछ नहीं हो सका। यहां पर गर्म कुंड का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है। ऐसे में यहां के लोगों में सरकार और शासन के प्रति आक्रोश बना हुआ है।