13 वर्षों से अधर में लटकी सड़कें, आज भी पैदल चलने को मजबूर ग्रामीण।
नंदानगर क्षेत्र में स्वीकृत मोटर मार्गों का निर्माण न होने से बढ़ी मुश्किलें।
चमोली: उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर जहां राज्य सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं पर्वतीय जनपदों की जमीनी हकीकत इन दावों की पोल खोल रही है। चमोली जनपद के नंदानगर–घाट विकासखंड क्षेत्र के कई गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नंदानगर क्षेत्र में वर्ष 2012 में राज्य योजना के अंतर्गत स्वीकृत नंदप्रयाग महड़वगठी–सकंड–धारकोट मोटर मार्ग तथा प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत स्वीकृत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. चंद्र सिंह के नाम पर नंदप्रयाग–मुनियाली–ग्वाई–धारकोट मोटर मार्ग बीते कई वर्षों से अब तक नहीं बन पाए हैं। जबकि दोनों मार्गों के लिए वन विभाग से हस्तांतरण और एनओसी की औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।
इन मोटर मार्गों का निर्माण न होने से क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजमर्रा की जिंदगी में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रवासी ग्रामीण केदार सिंह बुटोला ने बताया कि पिछले 13 वर्षों से जनप्रतिनिधियों और प्रशासन द्वारा केवल आश्वासन ही दिए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ। सड़क न होने के कारण बीमार बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और आपातकालीन मरीजों को मुख्य सड़क तक पहुंचाने में भारी दिक्कतें आती हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क सुविधा के अभाव में क्षेत्र से पलायन लगातार बढ़ रहा है। प्रवासी लोग गांव लौटना चाहते हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में वे मजबूर हैं।
इस संबंध में बीते 6 नवंबर को क्षेत्रीय ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने थराली विधायक भूपालराम टम्टा से मुलाकात कर दोनों मोटर मार्गों के शीघ्र निर्माण की मांग रखी। ग्रामीणों ने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद निर्माण कार्य शुरू न होना गंभीर चिंता का विषय है।
मुलाकात के दौरान केदार सिंह बुटोला, दिलबर सिंह कंडेरी, संजय किशोर, सोबन सिंह और जसपाल सिंह फरस्वाण,दर्शन सिंह बुटोला,सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि वर्षों से लंबित इन सड़कों के निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू किया जाए, ताकि क्षेत्रवासियों को राहत मिल सके और पलायन पर रोक लगाई जा सके।
