भालू के हमले से महिला घायल, ग्रामीणों ने शोर मचाकर भगाया भालू।
चमोली (पोखरी) — प्रदेशभर में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहाड़ी जनपदों में भालू के बढ़ते हमलों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। चमोली जनपद के विकासखंड पोखरी में भालू के हमले की एक और घटना सामने आई है।
बीते दिनों पाब गांव में एक महिला के घायल होने के बाद अब सिनाऊँ पल्ला गांव में रविवार को भालू ने हमला कर दिया। जानकारी के अनुसार ग्राम प्रधान तेजपाल सिंह रावत की पत्नी सरोजनी देवी घर के पास सड़क पर किसी आवश्यक कार्य से निकली थीं, तभी अचानक भालू ने उन पर हमला कर दिया।
हमले के दौरान आसपास मौजूद ग्रामीण महिलाओं ने शोर मचाया, जिससे भालू मौके से भाग गया। हालांकि भालू के नाखूनों से सरोजनी देवी के सिर पर गहरे घाव हो गए। उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी ले जाया गया, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया।
भालू के इस अचानक हमले से क्षेत्र में भय का माहौल है। वहीं, सिमखोली गांव में पालतू जानवरों के लिए चारा-पत्ती लेने गई महिला शशि देवी को भी हाल ही में घर के पास खेतों में भालू दिखाई दिया। गनीमत रही कि भालू ने उन्हें नहीं देखा, अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लगता है, क्योंकि स्कूल जाने के रास्ते में जंगल पड़ता है और किसी भी समय भालू के हमले की आशंका बनी रहती है।
ग्रामीणों ने वन विभाग और राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि भालू के बढ़ते आतंक के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इससे जनप्रतिनिधियों, वन विभाग और सरकार के प्रति लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही जंगली जानवरों से बचाव के लिए प्रभावी उपाय नहीं किए गए, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार और वन विभाग की होगी।
