विश्व आत्महत्या निषेध जागरूकता दिवस पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन।





देहरादून: देश-दुनिया में आत्महत्या के बढ़ते मामलों के चलते विश्व आत्महत्या निषेध जागरूकता दिवस के अवसर पर प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ने एस जी आर आर विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एजुकेशन में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मियों के लिए आत्महत्या से बचाव की जागरूकता के लिए निशुल्क कार्यशाला और परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यशाला में मनोवैज्ञानिक सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. पवन शर्मा (द साइकेडेलिक) ने प्रतिभागियों को आत्महत्याओं से जुड़ी आत्मघाती मानसिकता और मानसिक दशाओं के बारे में जानकारी दी। डॉ पवन शर्मा ने बताया कि आँकड़ों के अनुसार विश्व भर में हर 40 सेकेंड में एक आत्महत्या कर ली जाती है, जिनके पीछे बेरोजगारी, आर्थिक हानि, विफल प्रेम संबंध, पुरानी बीमारी, कुंठा, हताशा, अवसाद और नशे की आदत जैसे कई और भी महत्तवपूर्ण कारण होते हैं। आत्महत्या करने वाला व्यक्ति ऐसा करने से पहले लगभग 20 से 30 बार इस तरह के संकेत देता है, यदि उन संकेतों को गम्भीरता से लिया जाए तो समय रहते मदद उपलब्ध करा कर कई बहुमूल्य जीवन बचाये जा सकते हैं। आम तौर पर हम इन संकेतों को नजर अंदाज कर देते हैं या मज़ाक में ले लेते हैं और इनकी गम्भीरता को ना जान कर सामने वाले की ध्यानाकर्षण करने की कोशिश माँ लेते हैं। डॉ. पवन शर्मा ने शिक्षकों को छात्रों द्वारा ऐसे संकेतों को पहचानने के लिए की प्रभावी तकनीक सिखाई और उनका सफलतापूर्वक उपयोग करना भी सिखाया।
डॉ. पवन शर्मा अपनी सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी के माध्यम से सौ से अधिक लोगों के जीवन को प्रत्यक्ष तौर पर बचाने में सफल हो चुके हैं, जिनमें छात्र, सुरक्षा कर्मी, पेशेवर, महिला और पुरुष शामिल है और अप्रत्यक्ष रूप से यह संख्या इससे कहीं ज्यादा है। संस्था के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और थेरेपी पूर्णतया निशुल्क प्रदान की जाती है।
इस कार्यक्रम के लिए विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मालविका कांडपाल और डॉ. आनंद कुमार ने डॉ. पवन शर्मा और उनकी टीम का धन्यवाद किया और शुभकामनाएं दी।

