राजस्व विभाग की शिथलता से नीती- माणा घाटी के भोटिया जनजाति के लोगो मे नाराजगी।




मुख्यमंत्री द्वारा 18 अगस्त 2022 को जनपद चमोली के विधानसभा क्षेत्र बद्रीनाथ मे की गई घोषणा संख्या 311/2022 भोटिया जनजाति के शीतकालीन प्रवास के भोटिया पड़ाव एवं राजकीय भूमि पर निर्मित भवनों/काबिज भूमि का मालिकाना अधिकार दिए जाने की कार्यवाही यथाप्रक्रिया के सम्बंध में अभी तक तहसील स्तर पर कोई कार्यवाही नही की गई।जबकि जिलाधिकारी द्वारा पत्र में तहसीलदार जोशीमठ, चमोली,घाट, नंदप्रयाग, जिलासु,पोखरी कर्णप्रयाग,आदिबद्री,गैरसैण,नारायण बगड़ थराली एवं देवाल को तीन दिन के अंतर्गत विस्तृत विवरण/आंख्या धरातलीय सर्वेक्षण कर प्रस्ताव उपलब्ध कराने का आदेश स्पष्ट लिखा गया है।लेकिन अभी तक बीस दिन बीत जाने के बाद भी तहसील स्तर से कोई भी राजस्व कर्मचारी धरातल पर नही पहुँचे।जिससे नीती माणा के भोटिया जनजाति के लोगो में काफी नाराजगी है।जनजाति के लोगो का कहना है कि, हमारे शीतकालीन प्रवास की भूमि पर हमारे पूर्वजों द्वारा कई वर्षों से कब्जा है जिसमे हम लोग वर्तमान में रह रहे हैं।लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने मालिकाना हक नही दिया।ऐसा नही है कि इस विषय पर कभी सरकार से वार्ता न हुई हो।समय समय पर हर मंचो पर मालिकाना हक की बात उठी है।लेकिन कभी भी सरकार द्वारा इस विषय को गंभीरता से नही लिया गया। जबकि वतर्मान सरकार द्वारा अगस्त माह मे नीती माणा घाटी के जनजाति लोगो के शीतकालीन प्रवास की भूमि का मालिकाना हक दिए जाने के सम्बंध में मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई है। लेकिन धरातल पर इसमें तहसील प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही गतिमान नजर नही आ रहा है।जो कि बहुत ही सोचनीय विषय है।