भक्ति व प्रेम के भूखे है भगवान :नीलकंठ जी महाराज
भाव के भूखे है भगवान,भगवान भक्त को ढूँढ लेते है। विधुर जैसे भक्त को भगवान कृष्ण ने पहचान लिया था।दुर्योधन के घर के राजसी ठाठ-बाट छोड़कर भगवान भक्त विधुर घर साग खाने पंहुचे। विधुरानी भक्ति भाव में इतनी विभोर हो गयी कि फल को फेक झिलका खिलाने लगी।भगवान प्रेम के भूखे है। जहां भक्ति होती है वही भगवान होते है। जीवन में राम नाम रटने से सुख शांन्ति मिलती है। उक्त प्रसंग कथा व्यास नीलकंठ जी महाराज के श्रीमुख से सूगी गांव मे आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कही गयी।
सुरेन्द्र सिंह मल्लास नेगी द्वारा अपने समस्त पित्रों के मोक्ष प्राप्ति के लिए आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत भागवत कथा के दौरान पंडित तुषार द्वारका डिमरी व पंडित सौरभ चमोली द्वारा ‘प्रेम जब अनंत हो गया’, ‘यू चोला अनमोल चोला दूबरा मिला नि’
समेत अनेक सुन्दर भागवत भजन गये गये जिसमे भागवत प्रेमी भाव विभोर हो गये।
भागवत कथा के दौरान कालिका प्रसाद सती,परशुराम खाली,नीलकंठ खाली, कथा आयोजक सुरेन्द्र सिंह मल्लास नेगी,प्रमेन्द्र मल्लास नेगी,
: बीरेंद्र सिंह नेगी,नरेंद्र सिंह नेगी,बलवीर सिंह नेगी,गोपाल नेगी,दीपक नेगी,संजय नेगी,आशीष नेगी,सतेन्द्र नेगी,युद्धवीर नेगी,प्रेम सिंह रावत,राम सिंह खत्री ग्राम प्रधान सूगी स्मृति खत्री,ग्राम प्रधान बमोथ प्रकाश सिंह रावत
समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।