उत्तरकाशी से श्रीनगर गढ़वाल रवाना हुई मॉ चण्डिका की रथ डोली




भानु प्रकाश नेगी

उत्तरकाशी में विश्वनाथ मंदिर में विधिविधान से पूजा अर्चना के बाद मॉ चण्डिका का रात्रि विश्राम भटवाड़ी के पास भेलाटिपरी गांव में महड़ (दशज्यूला) गांव की धियांण उषा के घर पर हुआ। इस गांव में पहला बार किसी देवी की दिवरा यात्रा पंहुची। मॉ चण्डिका की दिवरा यात्रा के भेलाटिपरी गंाव पंहुचने पर यहां के भक्तों ने माता का जमकर स्वागत सत्कार किया।
वही मॉ चण्डिका दिवरा यात्रा समिति के अध्यक्ष धीर सिंह बिष्ट व महामंत्री देवेन्द्र सिंह जग्गी ने बताया कि, उत्तरकाशी में हर जगह जहां से मॉ चण्डिका की दिवरा यात्रा गुजरी भक्तों ने खूब स्वागत किया। उत्तरकाशी के विश्वनाथ मंदिर में मॉ चण्डिका की विधिविधान व पूजा अर्चना की गई। ंयहां के पौराणिक व एतिहासिक बारहीशक्ति त्रिषूल से मॉ चण्डिका की ब्रह्रमडोली सकुसल पार हो गई। इस दौरान मंदिर परिसर में मॉ चण्डिका की ब्रह्रमडोली का नृत्य हुआ।उन्होंने बताया कि मॉ चण्डिका की डोली रविवार को श्रीनगर के डांग मौहल्ला में धियाणी के बुलावे पर रात्रि विश्राम करेगी और अगला पड़ाव श्रीकोट में रहेगा।
आपको बता दे कि दिवरा यात्रा पर निकली ब्रह्रमडोली उत्तरकाशी के बारहीशक्ति त्रिशुल से पास होने पर ही बन्यात हो पाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर ब्रह्रमडोली इस त्रिषूल में फंस जाय तो उस देवी की बन्यात नहीं हो पाती है।