चतुर्थ केदार भगवान रूद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद।
The doors of Fourth Kedar Lord Rudranath are closed for winter.
चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए पूरे विधि विधान के साथ आज ब्रह्म मुहूर्त में बंद हो गए है। अब भगवान रुद्रनाथ की शीतकालीन पूजा गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में संपन्न होगी।
करीब 11,808 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में पहुंचने के लिए कठिन बुग्यालों की चढ़ाई पार कर 19 किलोमीटर की चढ़ाई चढनी पड़ती है। कपाट बंद होने से पूर्व राजा सगर की आराध्य देवी मां चंडिका ने अपने निशान सहित देवरा बारीदारों के साथ श्री रुद्रनाथ भगवान के मंदिर में देव भेंट की। जिसके बाद मां चंडिका देवी की देवरा यात्रा भी रुद्रनाथ जी के कपाट बंद होने पर चल विग्रह डोली के साथ लौट आई।
बृहस्पतिवार 17 अक्टूबर प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रुद्रनाथ जी का प्रातः कालीन अभिषेक, पूजाएं संपन्न होने के बाद पुजारी वेदप्रकाश भट्ट ने भगवान रुद्रनाथ जी के कपाट बंद किए। भगवान की उत्सव डोली गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर पहुंच गई है।