May 19, 2025

बाल यौन शोषण व उत्पीड़न पर फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसायटी ने किया जागरूकता कार्यक्रम

अभिभावकों को बाल यौन उत्पीड़न और शोषण से सुरक्षा पर जागरूकता किया

सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ने डालानवाला स्थित एक विद्यालय में बाल यौन उत्पीड़न और शोषण से सुरक्षा की जागरूकता के लिए अभिभावकों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में प्रख्यात मनोवैज्ञानिक डॉ. पवन शर्मा (द साइकेडेलिक) ने अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों के मनोविज्ञान से जुड़ी कई जानकारियां दी और बाल यौन उत्पीड़न और शोषण के विषय पर जागरूक किया।

 

 

उन्होंने बताया कि पिछले 6 सालों में बाल यौन शोषण और बच्चों से दुष्कर्म के मामले 96 फीसदी बढ़ गये हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एन सी आर बी) के आंकड़ों के विश्लेषण के ये बात सामने आई है कि साल 2006 से 2022 तक बच्चों से दुष्कर्म के मामले 96 फीसदी बढ़े हैं। जान जागरूकता में सुधार के बाद बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के अधिक मामले दर्ज कराये गये हैं।

इस सम्बंध में हेल्पलाइन, ऑनलाइन पोर्टलों और विशेष एजेंसियों के माध्यम से पीड़ित और उनके परिजन रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सामने आये हैं। विश्लेषण से पता चला है कि 2021 और 2022 के बीच इन मामलों में 9.6 फीसदी वृद्धि हुई थी। 2016 मे दर्ज मामलों की संख्या जहां 19,765 थे वहीं 2022 में ऐसे 38,911 मामले दर्ज किए गए हैं। डॉ. पवन शर्मा ने कहा कि बाल यौन उत्पीड़न और शोषण के मुद्दे पर खुल कर चर्चा करने से सामाजिक चुप्पी काम होगी और बाल यौन उत्पीड़न और शोषण पर खुल कर चर्चा करने को प्रोत्साहित करने से बिना किसी डर के बोलने से दुर्व्यवहार के खिलाफ अधिक रिपोर्ट दर्ज करा सकेंगे। बच्चों को सही-गलत स्पर्श की शिक्षा देना और माता-पिता के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताना ऐसे मामलों में सुरक्षा का बेहतरीन उपाय है। जब भी कभी बच्चों के व्यवहार में बदलाव दिखे और बच्चे गुमसुम सा रहने लगे तो माता-पिता और शिक्षकों को बच्चे से बात करनी चाहिए या किसी पेशेवर काउंसलर से संपर्क करना चाहिए। आपको बताते चलें कि फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ऐसे मामलों में निशुल्क परामर्श और थेरेपी की सुविधा प्रदान करती है। इस मौके पर भूमिका भट्ट शर्मा, सुनिष्ठा सिंह और एडवोकेट कुलदीप भारद्वाज ने भी अभिभावकों से साथ संवाद किया।

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