April 23, 2025

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डाॅक्टरों ने जीबी सिंड्रोम वायरस से पीड़ित मरीज़ को दिया नया जीवन।

 

अस्पताल के डाॅक्टरों की कड़ी मेहनत ने वेंटीलेटर पर जिंदगी की हारी बाजी को जीत में बदला।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने डाॅक्टरों को दी बधाई।

देहरादून। फुटबाल के खिलाड़ी अजय तिवारी जीबी सिंड्रोम वायरस से ग्रसित होने पर मौत के मुहाने तक पहुंच गए थे। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डाॅक्टरों की कड़ी मेहनत ने अजय को नया जीवन दिया। जीबी सिंड्रोम वायरस के दुष्प्रभाव से उनके हाथों और पैरों की ताकत चली गई थी। वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण 37 दिनों तक उन्हें बचाने के लिए श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डाॅक्टरों की टीम ने आईसीयू में लंबी जंग लड़ी। इसका सुखद परिणाम रहा कि आज वह वह स्वस्थ हैं और अपने पैरों पर खड़े हैं। डाॅक्टरों की मानें तो कुछ समय के बाद वह फिर ग्राउंड पर होंगे और फुटबाल में अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने डाॅक्टरों की टीम को बधाई दी।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन डाॅ यशपाल सिंह ने जानकारी दी कि 48 वर्षीय अजय तिवारी को गुलियन बैरे सिंड्रोम (जी.बी. सिंड्रोम) हो गया था । यह एक प्रकार का न्यूरोलाॅजिक डिस्र्डऑर है। यह वायरस मरीज़ के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। बीमारी की वजह से मरीज की मांसपेशियों में दर्द और सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गम्भीर मामलों में मरीज़ पूरी तरह पैरेलाइज्ड भी हो सकता है। मरीज़ को विशेषज्ञ डाॅक्टरों की देखरेख में आईसीयू उपचार, फिजियोथेरेपी और इमोनोग्लोबिन के पाॅच इंजैक्शन लगाए गए। एक इंजैक्शन की कीमत 30,000/- रुपये है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की बेहतर आईसीयू सेवाएं मरीज़ को इस घातक बीमारी के चुंगल से बाहर निकालने में महत्वपूर्णं कड़ी रही।
प्रारम्भिक चरण में अस्पताल के फिजीशियन डाॅ जैनेन्द्र कुमार की देखरेख में उन्हें भर्ती किया गया। क्वाड्री पैरेसिस की अवस्था में मरीज़ के दोनों हाथ पैर काम नहीं कर रहे थे। 25 दिनों तक वेंटीलेटर सहित कुल 37 दिनों तक उन्होंने जीवन की बड़ी जंग लड़ी। बीमारी के घातक प्रहार से एक बार तो लगा कि वह जीवन की जंग हार जाएंगे। लेकिन श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरो फिजीशियन और वरिष्ठ फिजीशियन की मेहनत रंग लाई।
अजय तिवारी अजय विगत 20 वर्षों से फुटबाल के अनुशासित खिलाड़ी हैं वह बालक जी ब्वाजेज के नाम से फुटबाल क्ल्ब भी चलाते हैं। बीमारी से पहले वह रोजना फुटबाल खेलने जाते रहे हैं। इस बीमारी ने खिलाड़ी और उनके परिवार के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया था। लेकिन अब फिर एक बार फुटबाल के साथ ग्राउंड पर होंगे।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सोशल मीडिया वायरल

error: Content is protected !!