भारतीय सेना से सेवानिवृत्ति लेकर डुंग्री का जितेंद्र कर रहा उद्यानीकरण से स्वरोजगार।


After retiring from the Indian Army, Jitendra of Dungri is doing self-employment through gardening.
जितेंद्र युवाओं को पलायन न करने और उद्यानीकरण से स्वरोजगार की दे रहा सीख।
उत्तराखण्ड राज्य में जहां रोजगार के लिए युवाओं बाहरी क्षेत्रों में पलायन करना आम बात हो गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उद्यानीकरण से स्वरोजगार की पहल को चमोली के डुंग्री गांव के जितेंद्र सिंह झिंक्वाण जमीनी हकीकत में बदल रहे हैं। जीतेंद्र ने भारतीय सेना से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति के बाद अपने गांव में उद्यान विभाग के सहयोग से सब्जी और फल उत्पादन का कार्य शुरु किया है। जिससे अब क्षेत्र के अन्य युवा भी उनसे प्रेरित होकर सब्जी और फल उत्पादन को लेकर उत्साहित हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नेतृत्व में उद्यानीकरण से स्वरोजगार की मुहिम को जिलाधिकारी संदीप तिवारी के निर्देशन में परवाज लग रही हैं। जनपद में युवा अब उद्यानीकरण और बागवानी के जरिए स्वरोजगार कर अपनी आर्थिकी को मजबूत करने का कार्य कर रहे हैं। जिससे अब अन्य युवक भी उद्यानीकरण और बागवानी में दिलचस्पी लेने लगे हैं। उद्यान विभाग के अधिकारियों के अनुसार वर्तमान 12 सौ से अधिक काश्तकार सब्जी, फूल और फल उत्पादन कर स्वरोजगार कर रहे हैं।


चमोली जनपद के डुंग्री गांव निवासी जितेंद्र झिंक्वाण ने बताया कि उन्होंने भारतीय सेना से बीते वर्ष स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ली। जिसके बाद उनकी पत्नी प्रीती (भारतीय वायु सेना में कार्यरत हैं) ने उन्हें गांव में सब्जी उत्पादन के लिए प्रेरित किया। जिस पर उन्होंने पॉली टनल में सब्जी उत्पादन का कार्य शुरू किया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वे 22 पॉली टनल में सब्जी उत्पादन का कार्य कर रहे हैं, जिनमें टमाटर और शिमला मिर्च की बुआई की गई है। उन्होंने कहा कि पौधों की अच्छी ग्रोथ है, जिससे जल्द ही सब्जी का उत्पादन होने लगेगा। बताया कि सब्जी के उत्पादन के कार्य के लिए वे गांव के 6 अन्य लोगों भी रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं। सहायक विकास अधिकारी रघुवीर सिंह राणा ने बताया कि चमोली जनपद में तीन सौ से अधिक काश्तकार सब्जी उत्पादन कर स्वरोजगार कर रहे हैं। जिससे युवा जहां अपने ही घर पर रहकर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।